अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने के बाद तालिबान उन लोगों को निशाना बना रहा है जिन्होंने उसके खिलाफ कभी हथियार उठाए थे। इस कड़ी में तालिबान मजहबी लोगों को भी नहीं छोड़ रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि तालिबान ने सोमवार को अफ़ग़ानिस्तान के नामी मजहबी नेता मौलवी मोहम्मद सरदार जादरान को गिरफ्तार कर लिया है।
मौलवी मोहम्मद सरदार जादरान अफ़ग़ानिस्तान के ‘नेशनल काउंसिल ऑफ़ रिलीजियस स्कॉलर्स’ के प्रमुख रह चुके हैं। तालिबान ने एक तस्वीर जारी कर मौलवी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है जिसमें मौलवी की आंखों पर पट्टी बंधी दिखाई दे रही है।
इससे पहले, तालिबान ने सलीमा मजारी को अपनी हिरासत में ले लिया था, जो अफगानिस्तान में पहली महिला राज्यपालों में से एक थी, उन्होंने तालिबान से लड़ने के लिए हथियार उठाए थे। ऐसे समय में जब कई अफगान राजनीतिक नेता देश छोड़कर भाग गए थे, सलीमा मजारी बल्ख प्रांत के आत्मसमर्पण तक रुकी रही, हालांकि जब तालिबान ने इस हिस्से पर कब्जा कर लिया तो उन्हें आत्म समर्पण करना पड़ा।
रिपोर्टों में कहा गया है कि विद्रोहियों द्वारा पूरे देश पर नियंत्रण हासिल करने के बाद तालिबान ने महिला नेता को पकड़ लिया था। बता दें कि राष्ट्रपति अशरफ गनी सहित अफगान के कई नेता देश से भाग गए।
सलीमा मजारी अफगानिस्तान में अब तक देखी गई केवल तीन महिला राज्यपालों में से एक थीं। ऐसे समय में जब बहुत सारे अफगान प्रांत बिना किसी लड़ाई के ढह गए, सलीमा ने बल्ख प्रांत में चाहर किंट को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कोशिश की और अंत तक लड़ती रहीं।