वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 25 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। बैठक का मकसद बैंकों के प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करना है। सूत्रों ने कहा कि मांग और खपत बढ़ाने के लिये बैंक क्षेत्र के महत्व को देखते हए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक महत्वपूर्ण है।
पिछले साल मार्च में महामारी शुरू होने के बाद से यह वित्त मंत्री और सरकारी बैंकों के प्रमुखों की आमने-सामने की पहली समीक्षा बैठक है। हाल ही में सीतारमण ने कहा था कि सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। सूत्रों के अनुसार बैठक में बैंक की स्थिति, रिजर्व बैंक द्वारा घोषित पुनर्गठन- दो योजना की प्रगति की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है। बैठक में बैंकों को उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है।
उसने कहा कि मुंबई में होने वाली बैठक में इसके अलावा आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की भी समीक्षा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री फंसे कर्ज या एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) की स्थिति की भी जायजा ले सकती हैं। इसके अलावा बैंकों के विभिन्न सुधार उपायों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के विभिन्न प्रायासें से बैंकों का फंसा कर्ज 31 मार्च, 2021 को घटकर 6,16,616 करोड़ रुपये (अस्थायी आंकड़ा) पर आ गया जो 31 मार्च, 2020 को 6,78,317 करोड़ रुपये था। वहीं 31 मार्च, 2019 को 7,39,541 करोड़ रुपये पर था।