Independence Day 2021: देश आज 75वां दिवस मना रहा है। क्या आपको पता है कि पिछले 75 साल में सोने की कीमतों 54 हजार गुना उछाल देखने को मिला है। आजादी से पहले 10 ग्राम सोने की कीमत 88.62 रुपये थी जोकि आज 48,000 के पार पहुंच गई है। एक्सपर्ट के अनुसार इक्विटी, बाॅन्ड जैसे इनवेस्टमेंट की अपेक्षा सोने के निवेशकों को बहुत ही शानदार फायदा हुआ है। खासकर 2008 के बाद सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिली है।
पिछले 75 सालों में सोने पर रिटर्न
गोल्ड निवेश पर मिल रहे रिटर्न पर IIFL सिक्योरिटिज में कमोडिटी एवं करेंसी ट्रेड के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता कहते हैं, ‘सोने में बड़ी संख्या में भारतीय लोग आजादी के शुरुआत से ही निवेश करते आ रहे हैं। 1947 में औसतन सोने की कीमत 88.62 रुपये प्रति 10 ग्राम थी और आज यह 48000 के पार है। इस दौरान सोने पर करीब 54 गुना रिटर्न मिला है। 2008 में आई मंदी के वक्त लोगों को इस बात का अहसास हुआ कि सोने में भी निवेश करना फायदेमंद रहेगा। जब इक्विटी, बाॅन्ड सबकुछ निगेटिव ग्रोथ दिखा रहा था तब सोना ही जिसकी कीमतों में बदलाव नहीं आया। 2008 में सोने की कीमत 12,500 रुपये प्रति 10 ग्राम था। लेकिन इसके बाद विश्व स्तर पर सोने में निवेश बढ़ा जिसकी वजह से कीमतों में तेजी आई और आज 48,000 रुपये प्रति दस ग्राम के पार सोना खुदारा सर्राफा बाजार में बिक रहा है। पिछले 13 सालों में सोने की कीमतों में 272 गुना तेजी देखी गई।’
अनुज गुप्ता कहते हैं कि गोल्ड में निवेश करने वाले लोगों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फायदा तभी होगा जब इनवेस्टमेंट टाइम अधिक होगा। उनके अनुसार अगर आप 9 से 10 के लिए सोने में निवेश करते हैं तो मान कर चलिए की गोल्ड पर 10% रिटर्न मिलेगा ही। इसके अलावा उन्होंने सलाह दी की फिजिकल गोल्ड के साथ-साथ ईटीएफ, गोल्ड बाॅन्ड जैसे विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए।
कैसा रहेगा अगला 5 साल
स्पेन के Quadriga Igneo Fund मैनेजर डिएगो परिल्ला के अनुसार अगले तीन से 5 सालों में सोने की कीमत 3000 डाॅलर से 5000 हजार डाॅलर प्रति आउंस हो सकता है। अगर भारतीय रुपये में इसे देखें तो कीमतें 78 हजार रुपये से 1,31,00 रुपये के बीच हो सकती हैं। डिएगो परिल्ला ने 2016 में अनुमान लगाया था कि 5 सालों में सोना अपने रिकार्ड स्तर पर होगा। और उनका यह अनुमान पिछले साल सही साबित हुआ था।
इसके अतिरिक्त कई भारतीय एक्सपर्ट का मानना है कि जबतक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ जाती तब तक सोने से मुनाफा मिलता रहेगा। साथ ही अगर तीसरी लहर नहीं आती है तो सोने में बहुत ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है।