केवल दो दिन में 57 वर्षीय ह्वांग 20 बिलियन डॉलर (15 खरब रुपये) गंवाकर अर्श से फर्श पर आ गए। अमेरिका के रईसों में शुमार यह शख्स अगर इतना पैसा नहीं गंवाया होता तो आज दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल होता। बिल ह्वांग की एक इन्वेस्टमेंट कंपनी Archegos Capital Management है। उन्होंने वॉल स्ट्रीट के बैंकों से अरबों डॉलर उधार लिए ताकि कुछ अमेरिकी और चाइनीज स्टॉक्स में एक बड़ी पोजिशन हासिल कर सकें। मध्य मार्च तक ह्वांग के पास ViacomCBS के 20 अरब डॉलर के शेयर थे। मार्च अंत तक ViacomCBS के शेयर तेजी से टूटे और बैंक ह्वांग की कंपनी से अपना पैसा वापस मांगने लगे। जब उनकी कंपनी बैंकों को पैसे नहीं लौटा पाई तो कंपनी के एसेट्स सीज कर बेच दिए गए। रातोंरात ह्वांग की संपत्ति घट गई। ह्वांग की कंपनी अर्श से फर्श पर आ गई।
बिल ह्वांग की बर्बादी की कहानी
निवेशक बिल ह्वांग का जन्म दक्षिण कोरिया में हुआ था। वह हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए 1982 में लास वेगास आ गए। उन्होंने पहली नौकरी कुक के तौर पर मैकडॉनल्ड्स से शुरू की। बाद में ह्वांग और उनकी मां लॉस एंजेलिस चले गए, जहां वह मुश्किल से ग्रेजुएट हो सके और फिर पीट्सबर्ग की Carnegie Mellon University से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल की। लगभग 6 साल न्यूयॉर्क में एक साउथ कोरियन फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी में काम करने के बाद ह्वांग नामचीन स्टॉक इन्वेस्टर जूलियन रॉबर्टसन के लिए इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की जॉब मिली।
उधार लिए पैसों से लगाते थे शेयरों पर बड़ा दांव
रॉबर्टसन का 1980 में शुरू हुआ टाइगर मैनेजमेंट नाम का एक हेज फंड था, जो कि काफी पॉपुलर था। साल 2000 में रॉबर्टसन ने इसे बंद कर दिया। ह्वांग का खुद का हेज फंड टाइगर एशिया खड़ा करने में मदद की। ह्वांग के इस फर्म का पूरा फोकस एशियन स्टॉक्स पर था और यह जल्द ही उन्नति के रास्ते पर चल पड़ी। ह्वांग साउथ कोरिया, जापान, चीन आदि के शेयरों पर बड़ा दांव लगाते थे। इसके लिए वह उधार लिए पैसों का इस्तेमाल करते थे।
ह्वांग हर किसी से कहते थे कि वो अपना समय तीन चीजों में समान रूप से विभाजित करना पसंद करते हैं। पहला अपने परिवार, दूसरा अपने व्यवसाय और तीसरा दान में। ह्वांग ने 2019 के वीडियो में कहा,”मैं भगवान के शब्द और पवित्र आत्मा की शक्ति के अनुसार निवेश करने की कोशिश करता हूं। एक तरह से यह निवेश का एक निडर तरीका है। मैं मौत या पैसे से नहीं डरता। ”
2008 की बात है, जब इन्वेस्टमेंट बैंक लेहमैन ब्रदर्स ने बैंकरप्सी के लिए अर्जी दी तो टाइगर एशिया ने पूंजी गंवा दी। ह्वांग पर इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर जांच चली, जिसमें उनके और अमेरिकी सिक्योरिटीज रेगुलेटर्स के बीच एक सिविल सेटलमेंट हुआ। ह्वांग पर 4.4 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा। उसी साल टाइगर एशिया को उसी जांच में फेडरल इनसाइडर ट्रेडिंग चार्जेस का दोषी माना गया और उसे निवेशकों के पैसे लौटाने पड़े। ह्वांग पर कम से कम 5 सालों के लिए पब्लिक मनी मैनेज करने को लेकर रोक लगा दी गई। 2020 में यह प्रतिबंध हट गया।
टाइगर एशिया को बंद करने के बाद 2013 में ह्वांग ने Archegos को शुरू किया। यह भी हेज फंड की तरह ही है, जो अमेरिकी और एशियाई स्टॉक्स में निवेश करती है, लेकिन इसके एसेट्स पूरी तरह से ह्वांग और उनके परिवार के कुछ सदस्यों की निजी संपत्ति से बने हुए हैं। टाइगर एशिया को उधार देने वाली गोल्डमैन सैक्स ने शुरुआत में Archegos के साथ डील करने से इंकार कर दिया। इसी तरह जेपी मॉगर्न चेज ने भी इससे किनारा कर लिया, लेकिन जैसे-जैसे कंपनी की ग्रोथ बढ़ती गई और एसेट की वैल्यू 10 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई। साल 2020 में गोल्डमैन सैक्स Archegos की प्राइम ब्रोकर बन गई। साथ ही क्रेडिट सुइस और मॉर्गन स्टेनले भी जुड़ गईं और नोमुरा भी इसके साथ हो ली।