पुलिस मुख्यालय का दावा: बिहार की बदली तस्वीर, 2005 के मुकाबले घटी अपहरण दर, इन अपराधों में भी आई कमी

बिहार में अपराध वृद्धि के आरोपों पर पुलिस मुख्यालय ने आंकड़ों के साथ दावा किया है कि साल 2005 के मुकाबले अपराध दर में कमी आई है। हत्या और फिरौती हेतु अपहरण के मामले समेत अधिकांश अपराध दर घटी है। अपराध दर का निर्धारण प्रति एक लाख की जनसंख्या पर घटित घटनाओं के आधार पर तैयार किया जाता है। हर साल राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा इसके आंकड़े जारी किए जाते हैं।

फिरौती के लिए जून तक हुईं 24 घटनाएं 

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से जून तक फिरौती हेतु अपहरण के 23 कांड सामने आए। इनमें 56 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। अगवा किए गए 24 लोगों में 23 को बरामद कर लिया गया। वर्ष 2019 में 0.036 अपराध दर के साथ फिरौती हेतु अपहरण में बिहार 13 वें स्थान पर है। वहीं 2005 में फिरौती हेतु अपहरण के 251 कांड दर्ज किए गए थे। इस शीर्ष में 2005 में बिहार का अपराध दर 0.279 था जो वर्ष 2019 के मुकाबले लगभग 8 गुणा अधिक था।

हत्या का औसत 7.72 रहा

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक वर्ष 2021 में जून तक हत्या की घटनाओं का औसत 7.72 रहा। वर्ष 2019 में हत्या के शीर्ष में राष्ट्रीय औसत दर 2.2 है। हत्या के मामले में वर्ष 2015 से 2019 के दौरान बिहार का स्थान 9वें से 17वें के बीच रहा है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2005 में हत्या की घटनाओं में बिहार का अपराध दर 3.9 के आधार पर देश में 9 वें स्थान पर था। वहीं 2019 में बिहार में हत्या का अपराध दर 2.6 रहा।

चोरी में बिहार का 13वां स्थान

एनसीआरबी के वर्ष 2019 के आंकड़ों का हवाला देते हुए पुलिस मुख्यालय ने कहा कि चोरी के मामलों में राष्ट्रीय औसत अपराध दर 50.5 है। इसी वर्ष में चोरी की घटनाओं में बिहार का अपराध दर 29.1 रहा जो कि देश में 13वां स्थान है। वर्ष 2003 में बिहार में कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 1134023 थी।

वहीं वर्ष 2019-2020 में राज्य में 1360714 वाहनों का पंजीयन हुआ। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि वाहन की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से गाड़ियों की चोरी की संख्या में वृद्धि स्वाभाविक है। हालांकि 2019 के मुकाबले 2020 में इसमें 8.6 प्रतिशत की कमी आई है।

महिला अपराध में राष्ट्रीय दर से आधा

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं में वर्ष 2019 का राष्ट्रीय अपराध दर 62.4 है। वहीं बिहार में यह 32.3 रहा जो कि राष्ट्रीय औसत का लगभग आधा है। वर्ष 2005 में बिहार इस मामले में 13 वें स्थान पर था, आज 28 वां स्थान है। दंगों के मामले में वर्ष 2018 में बिहार का स्थान जहां 4 था रहा वहीं साल 2019 में 8 वां स्थान है।

कुल संज्ञेय अपराध भी राष्ट्रीय औसत से कम

पुलिस मुख्यालय ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2019 में कुल संज्ञेय अपराध का राष्ट्रीय औसत 385.5 है। वहीं वर्ष 2019 में 224.0 अपराध दर के साथ बिहार 25 वें स्थान पर रहा। मुख्यालय का तर्क है कि वर्ष 2005 में बिहार की संभावित जनसंख्या 89802000 थी जो वर्ष 2019 में 120101000 हो गई। साल 2005 के मुकाबले इस दौरान जनसंख्या में 33.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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