2004 में भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। इस दौरे पर पाकिस्तान ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-0 से अपने नाम की थी। पहला और दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ पर छूटा था। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच फैसलाबाद में खेला गया था, जहां गेंदबाजों को पिच से बिल्कुल मदद नहीं मिल रही थी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 588 रन बनाए थे, जवाब में भारत ने पहली पारी में 603 रन बनाए थे। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी और इरफान पठान के बीच अच्छी साझेदारी देखने को मिली थी। इरफान ने इस मैच का किस्सा सुनाते हुए बताया कि किस तरह से उन्होंने धोनी के साथ मिलकर पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को परेशान किया था। अख्तर को इतना गुस्सा आ गया था कि उन्होंने इरफान पठान से कहा था कि वो उन्हें अगवा करवा लेंगे। इरफान पठान ने विक्रम सथाए के टॉक शो पर इस किस्से को सुनाया था।
इरफान पठान ने बताया कि उस विकेट से बाउंसर फेंकना बहुत मुश्किल था, लेकिन शोएब अख्तर लगातार बाउंसर गेंद फेंक रहे थे। अख्तर की शॉर्ट गेंद पर ही सचिन तेंदुलकर उस पारी में आउट हुए थे। 281 रनों पर भारत ने पांचवां विकेट सचिन के रूप में गंवाया था और थोड़ी मुश्किल में नजर आ रहा था। इसके बाद धोनी और इरफान ने मिलकर पारी को संभाला था। इस किस्से को सुनाते हुए इरफान ने कहा, ‘हम फैसलाबाद में खेल रहे थे, 300 के करीब हमारे पांच या छह विकेट गिर गए थे और शोएब ने उस विकेट पर सचिन पाजी को बाउंसर पर आउट किया था, जिस पर बाउंसर डालना बहुत बड़ी बात थी।’उन्होंने आगे कहा, ‘बैटिंग के लिए मैं आया, पहला गेंद कान के पास से गया, मुझे बस चमड़े की स्मेल आई। दूसरा बॉल दूसरे कान के पास से गया। मुझे लगा अब आगे डालेगा, लेकिन फिर बाउंसर, जैसे-तैसे करके वह स्पैल निकाला। जब वह दूसरे स्पैल में गेंदबाजी के लिए आया, उस समय मेरा और धोनी का पार्टनरशिप बिल्ड हो रहा था। धोनी ने कहा कि कुछ तो करना पड़ेगा। मैंने कहा एक काम करते हैं मैं कुछ बोलूंगा उसको और तू बस जोर से हंसना, भले मजाकिया ना हो। फिर मैंने शुरू किया, शोएब अख्तर काफी गुस्से में आ गए और फिर यह चलता रहा। गुस्से में शोएब ने मुझसे कहा मैं तुझे अगवा करवा लूंगा, मैंने कहा वही करवा लो, आउट तो आप कर नहीं पाओगे।’