कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश अब उबरने की राह पर है लेकिन केरल, महाराष्ट्र व पूर्वोत्तर राज्यों में अब भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ये नई चिंताएं R फैक्टर के कारण शुरू हुई हैं जो बताता है कि कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति द्वारा दूसरे कितने व्यक्तियों को संक्रमित करने की संभावना है। संक्रामकता दर जो जून के अंतिम सप्ताह में कम हो रही थी वह अचानक 20 जून से 7 जुलाई के बीच की अवधि में बढ़ गई। इस अवधि के दौरान देश के जिन 10 राज्यों में कोरोना मामले के कारण चिंताएं बढ़ी उनमें से सात पूर्वोत्तर राज्य हैं। इनमें सिक्किम में सबसे अधिक कोरोना मामले आए।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले अधिक है वहां जमीनी स्तर पर केंद्र सरकार की टीम काम कर रही है। साथ ही कहा गया है कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है। महाराष्ट्र और केरल में कोविड-19 के बढ़े मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की डॉ भारती परवीन पवार ने कहा, केंद्र सरकार की टीम जमीनी स्तर पर काम कर रही है। हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं, नियमित तौर पर राज्य सरकारों से फीडबैक ले रहे हैं। अभी कोविड-19 खत्म नहीं हुआ है।‘
केरल में रविवार को कोविड-19 के 12,220 नए मामले और 97 संक्रमितों की मौत दर्ज की गई । इसके बाद अब तक राज्य में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 30,65,336 हो गया और अब तक मरनेवालों की संख्या बढ़कर 14,586 हो गई। वहीं 24 घंटों में 12,502 लोग स्वस्थ हुए और अब तक कुल स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 29,35,423 हो गई। अभी केरल में 1,14,844 सक्रिय मामले हैं। यहां के संक्रमित जिलों में सबसे अधिक मलप्पुरम (1,861), कोझिकोड (1,428), त्रिशूर (1,307), अर्नाकुलम (1,128), कोल्लम (1,012), तिरुअनंतपुरम (1,009) और पलक्कड़ (990) में हैं।