अरुणाचल सीमा के पास तक चीन ने चलाई बुलेट ट्रेन, कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष से पहले किया उद्घाटन

भारतीय सीमा में अकसर अतिक्रमण करने और तनाव बढ़ाने वाले चीन ने अब तिब्बत में बुलेट ट्रेन की शुरुआत कर दी है। इसका रूट तिब्बत की राजधानी ल्हासा के अलावा लोका और न्यिंगछी से होकर गुजरेगा। यह इलाका भारत से सटी सीमा के लिहाज से संवेदनशील है। भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य की सीमा इससे कुछ ही दूर है। इससे समझा जा सकता है कि चीन कैसे तेजी से सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा है। रणनीतिक लिहाज से यह भारत की चिंताओं को बढ़ाने वाला है।

कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष से पहले हुआ उद्घाटन
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट के शताब्दी समारोह से ठीक पहले इस बुलेट रेल सेक्शन की शुरुआत की गई है। सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 435.5 किलोमीटर लंबे ल्हासा-न्यिंगची सेक्शन का उद्घाटन किया गया है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक इस सेक्शन पर शुक्रवार को पहली बुलेट ट्रेन चली। किंघई-तिब्बत रेलवे के बाद सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत में दूसरी रेलवे लाइन है। यह किंघई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगा। यह इलाका दुनिया की सबसे ऊंचाई वाली जगहों में से एक है और रणनीतिक लिहाज से भारत और चीन दोनों के लिए ही संवेदनशील है।

चीन में होगा 50,000 Km का हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क  
चीन ने 2025 तक हाईस्पीड ट्रेन का नेटवर्क 50 हजार किलोमीटर तक बढ़ाने का है। हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क 2020 के अंत तक 37,900 किलोमीटर था। चीन में ट्रेनों की गति अब बढ़कर 160 किलोमीटर से 350 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच पहुंच गई है। चीन के इस रेल नेटवर्क से समझा जा सकता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में वह कितनी तेजी के साथ काम कर रहा है। प्रांतीय राजधानी ल्हासा और पूर्वी तिब्बत के निंगची के बीच रेलवे लाइन का निर्माण 2014 में शुरू हो गया था । यह तिब्बत का पहला ऐसा रेल मार्ग है, जहां बिजली से ट्रेन चलेगी। इस मार्ग पर जून 2021 में परिचालन शुरू होना है। रेल पटरी बिछाने का काम 2020 में पूरा हो चुका है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *