उपहार सिनेमा हॉल अग्निकांड मामले में दोषी सुशील अंसल के खिलाफ दायर आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसने पासपोर्ट नवीनीकरण में फर्जीवाड़ा किया है। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया है कि 59 लोगों की जान लेने वाले 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में दोषी ठहराए गए सुशील अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया और अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई।
पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत में दायर 8 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया है कि अंसल ने एफिडेविट में यह कहकर सरकारी अधिकारियों को गुमराह किया कि उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है। अंसल को वर्ष 2013 में तत्काल आवेदन पर जारी पासपोर्ट के संबंध में पुलिस ने कहा कि यह पाया गया है कि तत्काल पासपोर्ट योजना के तहत दिए गए एफिडेविट में अंसल ने कहा कि उसके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है और उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है। पुलिस ने यह चार्जशीट इस साल फरवरी में दायर की थी, लेकिन लोगों के संज्ञान में यह अब आया है।
चार्जशीट में कहा गया है कि वर्ष 2013 में, आरोपी सुशील अंसल ने अपने आवेदन के साथ एफिडेविट दायर किया। उसने शपथ के माध्यम से सरकारी प्राधिकरण (पासपोर्ट कार्यालय) को यह कहकर गुमराह किया कि उसे अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 31 जनवरी 2022 को होगी।
संबंधित मामला उपहार हादसे के पीड़ितों के संगठन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर दायर किया गया था। याचिका में कहा गया था कि अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए सूचनाएं छिपाईं या गलत सूचना दी।
ज्ञात रहे कि दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।