लखनऊ के काकोरी से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मिनहाज़ के मोबाइल का डेटा लखनऊ फॉरेंसिक लैब में रिट्रीव नहीं हो पाने पर मोबाइल हैदराबाद फॉरेंसिक लैब भेजा गया। दरअसल एटीएस छापेमारी के दौरान मिनहाज़ ने अपना मोबाइल जला दिया था। एटीएस को मिनहाज के मोबाइल से आतंकियों के नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है। एटीएस से मोबाइल से कई अहम जानकारी मिल सकती है।
आपको बता दें कि 11 जुलाई को एटीएस ने लखनऊ के काकोरी इलाके में कई घंटे सर्च ऑपरेशन में मिनहाज और मुशीरुद्दरीन को गिरफ्तार किया। दो आतंकियों के पास से भारी मात्रा में विष्फोटक और प्रेशर कुकर बम बरामद किया। आतंकी लखनऊ और यूपी के अन्य इलाकों में सीरियल ब्लास्ट करने की तैयारी में थे। ये भी सामने आ रहा है कि बीजेपी के कई बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे।
कोर्डवर्ड को सुलझाने की हो रही कोशिश
अंसार गजवातुल हिंद के स्लीपर सेल का मकसद धमाकों के साथ वैमनस्यता फैलाना था। धार्मिक जुलूस के साथ ही भीड़-भाड़ वाले कई स्थान उसके निशाने पर थे। इन आपरेशन का संदेशा आकाओं ने मिनहाज व मुशीर को फ्लाइट, उड़न तश्तरी, खटमल जैसे कोडवर्ड में दिया था। मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी में ऐसे ही कई कोडवर्ड मिले हैं। इनमें से कई कोडवर्ड एटीएस ने डिकोड कर लिए हैं जबकि कई कोडवर्ड को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
एक्यूआईएस की कमान उमर के हाथ में
एटीएस सूत्रों का कहना है कि विशेष तारीखों पर निकलने वाले धार्मिक जुलूस मिश्रित आबादी क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। ऐसे में धमाकों के बाद हिंसा भड़काने की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। एक्यूआईएस का सरगना उमर हलमंडी संभल का रहने वाला है। जो 21 साल पहले एक्यू आईएस के पहले इण्डियन कमांडर असीम उमर के साथ ही भागा था। असीम के मारे जाने के बाद से ही भारत में एक्यूआईएस की कमान उमर हलमंडी के हाथ में हैं। उसने भी पश्चिम यूपी में बड़े पैमाने पर अपना बेस तैयार किया है।