कोरोना काल में पुरुषों का छूटा काम, महिलाओं ने संभाली कमान

कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी चली गई। प्रवासी कामगार शहरों से काम छोड़ अपने गांव वापस आ गए। ऐसे हालात में महिला मजदूरों ने घर चलाने में बड़ी भूमिका निभाई। मनरेगा के तहत एक साल में बरेली की रिकार्ड 51431 महिला मजदूरों ने काम किया। जॉबकार्ड वाली 61 फीसदी महिलाओं ने मजदूरी की।

कोरोना के संक्रमण से पहले जॉब कार्ड वाली महिला मजदूरी मनरेगा के साइट पर बहुत कम करती थीं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सिर्फ 17767 महिला मजूदरों ने मनरेगा के तहत काम किया था। एक साल में मनरेगा की साइट पर काम करने वाली महिला मजूदरों का आंकड़ा बढ़कर 51431 पर पहुंच गया। जबकि मनरेगा मजदूरों की संख्या 84093 है। महिला मजूदर मनरेगा में खासी रुचि दिखा रहीं है। महिला मजूदरों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाने की काम तेजी से चल रहा है। बता दें कि बरेली में 3.19 जॉबकार्ड हैं। इनमें से सिर्फ 1.93 लाख की एक्टिव हैं।

महिला वर्किंग साइट बनेंगी

महिला मजूदरों के लिए अलग वर्किंग साइट तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है। महिला वर्किंग साइट पर सिर्फ महिला मजदूर ही काम करेंगी।

महिला मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। महिला मजूदरों का ग्राफ पिछले वर्षों के मुकाबले काफी बढ़ा है। इसको और आगे ले जाएंगे।- गंगाराम, डीसी मनरेगा

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