उत्तर प्रदेश में सरकार माध्यमिक विद्यालयों में पठन पाठन शुरू करने पर विचार कर रही है और इसके लिए अभिभावकों से फीडबैक लिए जा रहे हैं। कोविड 19 महामारी के चलते लगभग डेढ़ साल से विद्यालयों में शिक्षण कार्य ठप है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं को भी नहीं कराया गया। ऐसा यूपी बोर्ड के सौ साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। जब एक तरह से सभी छात्रों को जनरल ढंग से उत्तीर्ण किया जा रहा है।
प्रदेश में कोरोना महामारी नियंत्रण में है। पूरे प्रदेश में सभी विभाग कोरोना गाइडलाइंस के साथ खोल दिए गए हैं। ऐसे में सरकार विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू करने पर विचार विमर्श कर रही है।
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजा है। जिसमें अभिभावकों से विद्यालय खोलने के सम्बन्ध में फीडबैक लेने के लिए कहा गया है। पहले चरण में कक्षा नौ से बारहवीं तक के लिए पठन-पाठन शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। सरकार अभिभावकों से लिखित सहमति पत्र ले लेना चाहती हैं। बोर्ड के सचिव श्री शुक्ल ने बाकायदा एक प्रारुप भेज कर छात्रों की संख्या एवं अभिभावकों से मिले सहमति आदि व्यौरा तलब किया है।
हालांकि कुछ तरह की सूचना प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा अनुराधा शुक्ला ने 16 सितंबर 2020 को विद्यालय खोलने के सम्बन्ध में मांगी थी । तब कोरोना गाइडलाइन के साथ खोली गयी थी। वर्तमान सत्र अप्रैल शुरू हो चुका है। पर विद्यालयों के बंद होने के कारण न तो कक्षाएं चल रही है। नहीं ही प्रवेश आदि ही शुरू हो पाया है।