सेना में भर्ती कराने के नाम पर एक रिटायर्ड फौजी के बेटे और रोजगार सेवक समेत तीन लोगों ने धोखाधड़ी की। बांदा के एक युवक से खाते में ऑनलाइन बीस हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिये। उससे और रुपए मांग रहे थे। आर्मी इंटेलीजेंस मुंबई और बरेली की टीमों की मदद से कोतवाली पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रभारी एसएसपी रवींद्र कुमार ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बांदा के रहने वाले रिटायर्ड फौजी राम बरन यादव के बेटे लवलेश कुमार आर्मी में भर्ती होने के लिए कामटी महाराष्ट्र गया था। वहां पर उसकी मुलाकात बरेली में शाही के बसई गांव निवासी शिवम कुमार पुत्र रिटायर्ड फौजी और बैंक में गार्ड सुरेंद्र से हुई। शिवम ने उसे बताया कि उसकी सेना के अफसरों से काफी पहचान है। वह उसे सेना में भर्ती करा देगा। शिवम ने अपने चचेरे भाई राहुल से उसकी फोन पर बात कराई। राहुल ने उससे कहा कि वह दौड़ निकाल लेगा तो आगे की शारीरिक और मेडिकल परीक्षा पास करवा दी जायेगी। राहुल ने लवलेश को गांव के रोजगार सेवक महेंद्र पाल का बैंक एकाउंट नंबर दिया। उससे 20 हजार रुपये उसमें डलवा दिए।
20 हजार में सेना भर्ती होने पर ठनका माथा
लवलेश कुमार सेना भर्ती के लिये लाखों रुपए दे सकता था। बीस हजार रुपये मांगे जाने पर उसे संदेह हुआ। जिस पर उसने मामले की शिकायत आर्मी इंटेलीजेंस की। वहां से पता लगा कि आरोपियों का मोबाइल नंबर बरेली का है। इसके बाद लवलेश बरेली आर्मी इंटेलीजेंस के अधिकारियों से मिला। उन्होंने उसकी बात सुनने के बाद मामले की जांच पड़ताल की। बाद में इसकी शिकायत एसएसपी से की गई। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के आदेश पर कोतवाली और शाही पुलिस ने गुरुवार को ही तीनों को उठा लिया।
आर्मी भर्ती कराने वालों से कोई लेना देना नहीं
महेंद्रपाल गांव में रोजगार सेवक है। उसने कहा कि राहुल का फोन आया। अपना एकाउंट नंबर दे दो। मैंने उसमें रुपये डलवा दिये। मुझे नहीं पता था कि क्या मामला है। शिवम के पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं। गार्ड की जॉब करते हैं। राहुल और शिवम चचेरे भाई हैं। वह मीरगंज के डिग्री कालेज से स्नातक कर रहे हैं।