एसआरएन अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में मिर्जापुर की युवती से गैंगरेप के मामले में पुलिस की विवेचना और फोरेंसिक जांच में आरोप गलत करार दे दिए गए हैं। ऐसे में गुरुवार को पुलिस अफसरों के निर्देश पर इस मामले में फाइलन रिपोर्ट लगा दी गई। एफआर लगाने के साथ पुलिस ने विवेचना बंद कर दी। चूंकि मामला महिला अपराध से जुड़ा संवेदनशील है, इसे लेकर राजनीति गरमाई थी, ऐसे में गुरुवार को जांच रिपोर्ट साझा करने के लिए डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के साथ डीएम संजय खत्री, सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय, मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह एक साथ मीडिया से रूबरू हुए। मामले में पहले ही पुलिस पर आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद पुलिस घेरे में न आए, इसलिए सभी ने अपने स्तर से जांच के बाद बताया कि अस्पताल में रेप के जो आरोप लगे हैं, वह निराधार पाए गए। जांच के बाद इस मुकदमे को खत्म किया जा रहा है।
डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि हर पहलू पर जांच की गई। मौका मुआयना, डॉक्टरों-कर्मचारियों का बयान, महिला डॉक्टरों से बात, ऑपरेशन के दौरान की गतिविधियां, सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई। वादिनी के परिवार वालों से भी पूछताछ की गई। पूरी प्रक्रिया में आरोप सही नहीं पाए गए। सबसे अहम वैज्ञानिक साक्ष्यों को लेकर इंतजार था। अब फोरेंसिक रिपोर्ट से साफ हो गया है कि युवती के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। जांच पूरी होने के बाद अब इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। अब विवेचना बंद कर दी गई।
वेजाइनल स्वॉब की जांच बनी आधार
पुलिस ने युवती के वेजाइनल स्वॉब की स्लाइड जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजी थी। पोस्टमार्टम के दौरान स्लाइड प्रिजर्व कर ली गई थी। फोरेंसिक लैब में हुई जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। एसपी सिटी का कहना है कि युवती के शरीर, कपड़े आदि पर स्पर्म नहीं पाया गया। सीओ प्रथम सत्येंद्र तिवारी के मुताबिक वैज्ञानिक साक्ष्य में पुष्टि नहीं होने पर फाइलन रिपोर्ट लगाई गई।
कब, क्या- कैसे हुआ
29 मई को मिर्जापुर की युवती को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
31 मई की देररात में युवती की आंतों का ऑपरेशन हुआ।
1 जून को परिवार वाले युवती की बात सुन, दुष्कर्म को लेकर चर्चा करने लगे।
2 जून को भाई ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर दुष्कर्म का आरोप लगाया।
– इसी दिन सीएमओ और मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जांच कमेटियां गठित कीं।
3 जून को दोनों डॉक्टरों के पैनल ने दुष्कर्म के आरोप को गलत बताया।
5 जून को परिजन ओर महिला संगठन आईजी कार्यालय पर धरना देने लगे।
7 जून को एफआईआर दर्ज करने की मांग लेकर परिवार अफसरों से मिला।
8 जून को युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ा, इसके बाग गैंगरेप की रिपोर्ट दर्ज।
युवती ने आखिर क्यों लगाया आरोप
गैंगरेप का सनसनीखेज आरोप लगाने वाली युवती की मौत हो चुकी है। पुलिस ने आरोपों को निराधार बताते हुए अब जांच भी बंद कर दी है। पर एक सवाल का जवाब अब भी किसी के पास नहीं है। वह यह कि गंभीर हालत में होने के बावजूद युवती ने संगीन आरोप क्यों लगाया। वह भी तब जबकि वह बोलने की हालत में नहीं थी। उसने यह आरोप पर्ची पर लिखकर लगाया था।