ट्विटर को भारत में मिली कानूनी कार्रवाई से छूट वापस लिए जाने के बाद कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पहला बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि ट्विटर को आईटी नियमों का पालन करने के लिए कई मौके दिए गए लेकिन उसने जानबूझकर इसका पालन न करने का रास्ता चुना। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में जो भी हुआ वह फर्जी खबरों से लड़ने में ट्विटर के मनमानेपन का उदाहरण है।
केंद्रीय मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में ट्विटर पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ‘भारत की संस्कृति अपने बड़े भूगोल की तरह बदलती रहती है। कुछ स्थितियों में, सोशल मीडिया के प्रसार के साथ एक छोटी सी चिंगारी भी आग लगा सकती है, खासतौर पर फर्जी खबरों के मामले में।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘ट्विटर अपने फैक्ट चेकिंग मकैनिजम को लेकर अति उत्साही रहा है लेकिन यूपी जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में विफल रहने के बाद यह फर्जी सूचना से लड़ने में इसकी अयोग्यता को दर्शाता है।’
रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा, ‘भारतीय कंपनियां फिर वह आईटी हो या फार्मा, जब बिजनेस के लिए अमेरिका या किसी और देश जाती हैं, तो स्वेच्छा से वहां के कानूनों का पालन करती है। तो फिर ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म गलत का शिकार हुए लोगों को आवाज देने के मकसद से बनाए भारतीय कानूनों का पालन करने में क्यों आनाकानी कर रहे हैं।’
आखिर में रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘अगर किसी विदेशी कंपनी को लगता है कि वे खुदको भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करने वाला बताकर यहां के कानूनों का पालन करने से बच सकते हैं, तो इस तरह के प्रयासों को असफल कर दिया जाएगा।’
बता दें कि 25 मई से लागू नए आईटी नियमों का ट्विटर ने अब तक पालन नहीं किया है। इसके बाद सरकार ने आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिली कानूनी कार्रवाई से छूट को वापस ले लिया है। इसके बाद यूपी के गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह केस एक वायरल वीडियो के संबंध में दर्ज हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई। गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
पुलिस के मुताबिक इस मामले की सच्चाई कुछ और है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। लेकिन ट्विटर ने इस वीडियो को मैन्युप्युलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।