बरेली में पति की डांट से नाराज होकर पत्नी ने तेजाब पी लिया और उसकी मौत हो गई। पीड़ित पति का कहना है कि पिता की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित कर देर रात को घर लौटा था। देर से दरवाजा खोलने पर उसने पत्नी को डांट दिया था। इसी बात से वह खफा थी।
बारादरी संजयनगर मुखिया गली के रहने वाले सुनील कुमार ने बताया कि उनके पिता डालचंद की मृत्यु 15 मई को हो गई थी। वह उनकी अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित करने गये थे। शुक्रवार देर रात घर लौटे तो काफी देर तक दरवाजा खटखटाया। अपने भाई के मोबाइल पर भी कई फोन किये और फोन नहीं उठा। इसी दौरान पड़ोसी जाग गये और कहने लगे कि बेखबर होकर सो रहे हैं कोई चोरी हो गई तो उसकी भी जानकारी नहीं होगी। इसके कुछ देर बाद ही पत्नी सुमन (28) ने दरवाजा खोला। सुनील ने पत्नी को उन्होंने डांट दिया। डांट से खफा पत्नी उनके पास ही सोफे पर बैठ गई।
सुनील कुमार के मुताबिक उन्होंने पत्नी से कहा कि जाकर सो जाओ तो वह टॉयलेट चली गई। कुछ देर बाद उन्होंने जब टॉयलेट का दरवाजा खोला तो सुमन के मुंह से झाग आ रहा था। उन्होंने जल्दी से उसकी पीठ को दबाया तो मुंह से तेजाब निकला और सुमन ने खुद भी बताया कि उसने तेजाब पी लिया है। सुनील उसे लेकर अस्पताल दौड़े। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
40 हजार जमा करने पर ही शुरू होगा इलाज
सुनील कुमार के मुताबिक सुमन के तेजाब पीने के बाद वह उसे एक निजी अस्पताल में लेकर गये। जहां पर सुमन की हालत देख मना कर दिया और फिर वह पत्नी को प्रेमनगर क्षेत्र में दूसरे अस्पताल लेकर गये। जहां पर स्टाफ ने साफ कहा कि पहले 40 हजार रुपये जमा होंगे तब ही इलाज शुरू होगा। उन्होंने हाथ पैर जोड़े और काफी मन्नते की तो एक घंटे बाद डाक्टर ने दवा लिख दी। इसके बाद एक घंटे तक मेडिकल वाले ने उन्हें अटकाये रखा और फिर अस्पताल में नौ हजार रुपये जमा करने के बाद इलाज शुरू हुआ। इस सब में तीन घंटे बीत गये। पीड़ित ने अस्पताल पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है।