राजधानी के केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र कोरोना से न केवल संक्रमित हो रहे हैं बल्कि उनकी मृत्यु भी हो जा रही है। कोरोना के खिलाफ जागरूकता से लेकर लोगों की मदद के लिए न केवल कॉलेज बल्कि विश्वविद्यालय भी अपने स्तर पर तैयारी कर रह हैं। जेएनयू ने जहां ऑनलाइन काउंसलिंग आयोजित कर कोरोना से से जूझ रहे लोगों का सहयोग किया है और क्विक रिस्पांस टीम बनाई है। वहीं डीयू ने एक कोविड की सुविधा देने के लिए अपनी वेबसाइट शुरू की है।
जेएनयू के कुलपति प्रो.एम जगदीश कुमार ने कहा कि चिंता, अनिद्रा, अवसाद से सभी गुजरे हैं। चूंकि हम परेशान करने वाली तस्वीरें, खबरें देखते पढ़ते हैं। ऐसे में जो स्वस्थ्य हैं, उन्हें भी कोरोना संक्रमित होने का डर सताता रहता है। ऐसी परिस्थिति में जरूरी है कि आत्म विश्वास से न केवल अपनी बल्कि दूसरों की मदद के लिए लोग आगे आएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है। कुलपति ने कहा कि मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। डीन आफ स्टूडेंट प्रो सुधीर प्रताप सिंह ने कहा कि सकारात्मक सोच के बगैर कोरोना को नहीं हरा सकते। और ये सकारात्मक सोच तब विकसित होगी जब अपने एवं अपने सिस्टम के ऊपर विश्वास करेंगे। इसके अलावा जेएनयू ने परिसर में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कोरोना रिस्पांस टीम गठित की थी। टीम में आठ सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है। अब कोरोना रिस्पांस टीम में 18 सदस्य हो गए हैं।
कोरोना के दौरान लोगों की मदद करने के लिए डीयू ने एक वेबसाइट बनाई है जिस पर कोरोना से जुड़ी जानकारियां हैं। यही नहीं उस वेबसाइट पर जाकर डीयू के शिक्षक व छात्रों को उनके उपयोग की काफी जानकारी मिल सकती है।