बिहार के मुजफ्पफरपुर में आरटीपीसीआर की जांच में अचानक वृद्धि से लोगों को समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही है। जांच में जुटे जिला स्वास्थ्य विभाग से लेकर एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब के कई अधिकारियों और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इस कारण भी जांच के सैंपल कलेक्शन और रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। लोगों को रिपोर्ट के लिए पांच से आठ दिनों का इंतजार करना पर रहा है।
एसकेएमसीएच में हर दिन आरटीपीसीआर जांच के लिए 3200 सैंपल पहुंच रहे हैं। इसमें से 2000 से 2200 तक ही सैंपल की जांच हो पा रही है। एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अनुसार फिलहाल एसकेएमसीएच में आरटीपीसीआर जांच के लिए आए करीब आठ हजार सैंपल बैकलॉग में चल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, वहीं जिन सैंपल की जांच हो रही है उनमें काफी संख्या में पॉजिटिव पाया जा रहे हैं।
दो जिले के सैंपल की जांच हो रही एसकेएमसीएच में :
एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिले के सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच हो रही है। इसमें 1600 मुजफ्फरपुर का सैंपल और करीब इतने ही सैंपल मोतिहारी के प्रतिदिन जांच के लिए पहुंच रहे हैं।
रिपोर्ट में देरी से संक्रमण का रहता है खतरा
कोरोना जांच में देरी होने से लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। रिपोर्ट नहीं आने से लोग खुलेआम बाहर घूम रहे हैं। ऐसे में लोगों में संक्रमण की फैलने की आशंका बनी हुई है। कोरोना के लक्षण आने से लेकर रिपोर्ट आने तक लोगों आइसोलेशन में नहीं रहते हैं। ऐसे में रिपोर्ट आने तक कई लोग के संपर्क में संक्रमित आ चुके रहते हैं।
पहले चार दिनों में आती थी रिपोर्ट अब लग रहे आठ दिन
कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना रिपोर्ट समय से आना बेहत अनिवार्य है। लेकिन, रिपोर्ट आने में देरी होने से लोगों का इलाज देरी से शुरू हो रही है। इससे लोगों की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट पहले तीन से चार दिनों में आ रही थी। अब यह आठ दिनों में आ रही है।
सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने बताया कि काफी संख्या में कोरोना की जांच हो रही है। कोशिश है कि लोगों को समय पर इसकी रिपोर्ट मिल जाए। जांच में लगे स्वास्थ्य कर्मी भी अधिक संख्या में संक्रमित हैं। इस कारण ऐसी समस्या आ रही है। जल्द इसका समाधान होगा।