कॉल सेंटर में नौकरी करने वाले निखिल कामत कैसे बनें अरबपति, जानें पूरी कहानी

‘स्कूल की पढ़ाई में मन नहीं लगा, तो 14 साल की उम्र में दोस्त के साथ मिलकर पुराने फोन बेचना शुरू किया। जब उनकी मां को पता चला तो उन्होंने फोन तोड़कर फेंक दिया। काल सेंटर में 8 हजार रुपये की नौकरी की, 18 साल की उम्र में भाई के साथ मिलकर कंपनी शुरू की और आज अरबपति हैं।’ यह कहानी है युवा बिजनेस मैन और शतरंज के शौकीन निखिल कामत की।

आपको यह कहानी थोड़ी फिल्मी लग रही होगी। लेकिन यह सच है कि निखिल कामत आज उस मुकाम पर हैं वहां हर कोई युवा पहुंचना चाहता है। ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे को दिए अपने इंटरव्यू में निखिल कामत ने अपने संघर्ष से सफलता तक की कहानी बताई।

कैसा बीता बचपन 

कामत के पिता एक बैंक में काम करते थे। कामत बताते हैं, ‘9 साल की उम्र में हम लोग बैंगलोर रहना शुरू कर दिए। लेकिन तब भी मुझे स्कूल से नफरत थी। एक बार पीटी टीचर ने सही से मार्च ना करने पर डांटा था, और मैं उनसे 3 साल तक नफरत करता रहा।’

ninkhil kamat and nitin kamat photo- instagram

14 साल की उम्र में शुरू किया बिजनेस 

निखिल बताते हैं कि उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर 14 साल की उम्र में पहली बार बिजनेस शुरू किया था। तब वह पुराने फोन बेचा करते थे। लेकिन जब यह जानकारी उनकी मां को हुई तो उन्होंने फोन फेंक दिया। कामत कहते हैं, ‘मेरे पैरेंट्स ने मुझसे कहा कि कुछ ऐसा मत करना जिससे हमें शर्मिन्दा होना पड़े। मैं चेस अच्छा खेलता था, लोग मुझे स्मार्ट कहते थे। लेकिन तब मुझे लगता था कि यह उनकी भूल है।’

पैसा कमाने की थी ललक

निखिल कामत कहते हैं कि जब वह स्कूल छोड़े तब उनके पास कोई प्लान नहीं था, लेकिन वह हमेशा से ही पैसा कमाना चाहते थे। निखिल कहते हैं, ‘मैं एक ऐसे परिवार से आता हूं जहां सभी लोग एमबीए और पीएचडी किए थे। ऐसे में मैंने सवाल किया कि आखिर मैं अपनी जिंदगी के साथ क्या कर रहा हूं। मुझे 17 साल की उम्र कॉल सेंटर में नौकरी मिल गई, जहां मुझे आठ हजार सैलरी मिलती थी। काॅल सेंटर में नौकरी का समय शाम चार बजे से 1 बजे रात तक था।’

18 साल की उम्र में शुरू लगाया शेयर मार्केट में पैसा 

निखिल ने बताया कि 18 साल की उम्र में उन्होंने शेयर मार्केट का काम शुरू किया। उनके पिता ने उन्हें अपनी कुछ सेविंग दी। इसके बाद उन्होंने अपने काल सेंटर के मैनेजर को इनवेस्टमेंट के लिए मनाया। मैनेजर मान गया फिर क्या वह पूरी टीम का पैसा मैनेज करने लगे। निखिल उन्हें बेहतर रिटर्न देने लगे बदले में उन्हें ऑफिस से छुट्टी मिल गई और बिना ऑफिस गए सैलरी लेने लगे।

अब था साल 2010, निखिल की मेहनत को उनकी किस्मत का साथ मिला और उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर जेरोधा की नींव रखी। और आज उनकी गिनती युवा अरबपतियों में हो रही है।

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