निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश मई, 2021 में इससे पिछले महीने की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक घटकर 3.8 अरब डॉलर रह गया। अप्रैल में यह 7.5 अरब डॉलर रहा था। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह एक साल पहले के 5.4 अरब डॉलर के आंकड़े से तीसरा निचला स्तर है। उद्योग के लिए काम करने वाली आईवीसीए और परामर्शक कंपनी ईवाई की रिपोर्ट में कहा गया है, ”हालांकि दो श्रेणियों के निवेशकों द्वारा उद्यम निवेश चालू साल के पहले पांच माह में दोगुना होकर 20 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पता चलता है कि निवेशकों का रुख अभी मजबूत बना हुआ है।”
यहां उल्लेखनीय है कि अप्रैल से देश कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है। मई में देश में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू रहा। मई, 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के बावजूद जियो प्लेटफॉर्म्स में 4.6 अरब डॉलर का निवेश आया था। ईवाई के भागीदार विवेक सोनी ने कहा, ”निवेशकों की निगाह सरकार की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों, टीकाकरएा की स्थिति और आगामी महीनों में देश की वृहद और वित्तीय सेहत पर रहेगी।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति, इसके जिंस कीमतों पर प्रभाव और मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक के रुख आदि भारत के लिए जोखिम हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के बीच जुझारू क्षमता दिखाने वाले क्षेत्रों की वजह से 2021 में सौदे की गतिविधियां बढ़ी हैं। इस दौरान ई-कॉमर्स क्षेत्र में 4.3 अरब डॉलर, प्रौद्योगिकी में 3.8 अरब डॉलर, फार्मा में 1.4 अरब डॉलर, मीडिया और मनोरंजन में 1.2 अरब डॉलर, शिक्षा में 88.5 करोड़ डॉलर और स्वास्थ्य सेवा में 80.1 करोड़ डॉलर का निवेश आया।