अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि म्यांमार की सेना को सत्ता छोड़ देनी चाहिए और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार बहाल करनी चाहिए। अमेरिका ने कहा है कि वह म्यांमार के लोगों के साथ है और देश में असैन्य नेतृत्व वाली सरकार की लोगों की इच्छा का समर्थन करता है।
इस महीने म्यांमार की सेना ने सरकार का तख्तापलट कर दिया था और आंग सान सू ची तथा राष्ट्रपति यू विन मिंट समेत कई नेताओं को बंदी बना लिया था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “जुंटा (सैन्य प्रशासन) को दिए गए हमारे संदेश में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्हें सत्ता छोड़ देनी चाहिए, लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को बहाल करना चाहिए और बर्मा (म्यांमार) के लोगों के प्रति हमारे संदेश में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।”
प्राइस के बयान से एक दिन पहले अमेरिका ने म्यांमार के सैन्य अफसरों के विरुद्ध अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अमेरिका और कई पश्चिमी देश म्यांमार को उसके पूर्ववर्ती नाम बर्मा से संबोधित करते रहे हैं।
प्राइस ने कहा, “हम बर्मा के लोगों के साथ हैं। हम विश्व में समान विचारधारा वाले अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर, बर्मा में असैन्य सरकार की बहाली का समर्थन करते रहेंगे।” उन्होंने कहा कि बर्मा के सैन्य अफसरों को समझना चाहिए लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को हटाने के उनके प्रयास के नतीजे भुगतने होंगे।
उन्होंने कहा कि तख्तापलट के लिए जवाबदेही तय करने का अकेला अमेरिका ही पक्षधर नहीं है। प्राइस ने कहा, “दरअसल, हमने ब्रिटेन और कनाडा द्वारा हाल में लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन किया है और यूरोपीय संघ जो भी कदम उठाएगा हम उसका भी स्वागत करेंगे।”