छोटे शहरों यानी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में रहने वालों को अब अपने बच्चों की शादी या फिर अन्य छोटे-मोटे आयोजनों के लिए लॉन या वैंक्विट हॉल मोटे किराए पर नहीं लेना पड़ेगा। राज्य सरकार उन्हें उनके आसपास ही कम किराए पर इसे उपलब्ध कराएगी। नगर विकास विभाग इसके लिए जरूरत के आधार पर शादी-विवाह घर बनवाने जा रहा है। इस नई योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में टोकन मनी के रूप में 50 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी
बड़े शहरों में नगर निगमों ने अपने बजट से शादी-विवाह घर, कल्याण मंडप या फिर कम्यूनिटी हॉल बनवा रखे हैं, लेकिन छोटे शहरों खासकर नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में ऐसी व्यवस्था नहीं है। अगर बने हैं तो वो भी काफी पुराने हैं और इसमें बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की अध्यक्षता में बजट में नई योजनाओं को लेकर बैठक हुई थी। इसमें छोटे शहरों के लिए शादी-विवाह घर बनवाने के लिए बजटीय व्यवस्था पर सहमति बनी है। इसके आधार पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। शादी-विवाह घर निकाय की जमीनों पर बनवाए जाएंगे। इसमें कुछ कमरों के साथ लॉन बनाया जाएगा, जिसे कम कीमत पर किराए पर दिया जाएगा। नगर विकास मंत्री का मानना है कि इस योजना के आने के बाद लोगों को किसी भी तरह के आयोजन के लिए सस्ते में बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
प्रदूषण रोकने को बनेंगे धोबी घाट
इसी तरह शहरों मे बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए धोबी घाट भी बनवाने की योजना शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए भी बजट में 50 करोड़ रुपये टोकन मनी के रूप में मांगी जाएगी। नगर विकास मंत्री चाहते हैं कि शहरों धोबी घाट बनवाए जाएं, जिससे कपड़े धुलने की वजह से नदियां प्रदूषित न हों। धेाबी घाट के पास पानी की व्यवस्था की जाएगी। यह पानी वहीं पर रहेगा, जिससे प्रदूषण पर रोकथाम लग सके।