जल्द ही भारत की पैरामिलिट्री फोर्स में मेल, फीमेल के साथ ट्रांसजेंडर को भी जगह मिलेगी। गृह मंत्रालय ने असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में थर्ड जेंडर के रूप में ट्रांसजेंडर को शामिल करने पर सुरक्षा बलों से टिप्पणी मांगी है। अगर सुरक्षा बलों की ओर से इस दिशा में सकारात्मक प्रतिक्रिया आती है तो संभव है कि ट्रांसजेंडर भी पैरामिलिट्री फोर्स में नजर आएं।
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ), इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को बधुवार को भेजे एक पत्र में गृह मंत्रालय ने बलों से कहा है कि वह दिसंबर माह में प्रस्तावित सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) असिस्टेंट परीक्षा 2020 में मेल/फीमेल के साथ थर्ड जेंडर के तौर पर ट्रांसजेडर को शामिल करने पर अपनी प्रतिक्रिया दे।
आपको बता दें की हर वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से सीएपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के जरिए सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी में असिस्टेंट कमांडेंट (ग्रुप ए) पदों पर नियुक्ति होती है।
इस साल यूपीएससी सीएपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट परीक्षा 2020 का नोटिफिकेशन 18 अगस्त को जारी करेगी। अगर गृह मंत्रालय को पैरामिलिट्री फोर्स की तरफ से पॉजिटिव जवाब आता है तो उनकी प्रतिक्रियाएं यूपीएससी के साथ शेयर कर दी जाएंगी। इसके बाद यूपीएससी अपने एप्लीकेशन फॉर्म में थर्ड जेंडर के तौर पर ट्रांसजेडर को जगह देगी।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में सभी पैरामिट्री फोर्सेज में कुल 7,859 असिस्टेंट कमांडेंट हैं। इनमें सबसे अधिक सीआरपीएफ (3,054) में हैं। इसके बाद बीएसएफ (1,888), आईटीबीपी (716), सीआईएसएफ (725) और एसएसबी (542) आते हैं।
गृह मंत्रालय के तहत आने वाली पैरामिलिट्री फोर्स (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) में करीब 10 लाख जवान व अधिकारी कार्यरत हैं जो पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल से सटी सीमाओं पर देश की सुरक्षा कर रहे हैं। नक्सल विरोधी अभियानों और जम्मू-कश्मीर में आतंक रोधी अभियानों में इनकी अहम भूमिका रहती है। कई राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी इनकी तैनाती होती है।
असिस्टेंट कमांडेंट परीक्षा 2020 के लिए 7 सितंबर तक आवेदन किया जा सकेगा। परीक्षा 20 दिसंबर का आयोजित होगी। किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट युवा इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। आयु सीमा 20 वर्ष से 25 वर्ष मांगी जाती है।
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी), मेडिकल टेस्ट व इंटरव्यू से चयन किया जाता है।
पिछले वर्ष संसद ने पास किया था ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रॉटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल
गौरतलब है कि पिछले वर्ष तीसरे जेंडर के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए संसद ने ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रॉटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल, 2019 पास कर दिया था। रोजगार, भर्तियों, प्रमोशन में उनके साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करने और इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए ये कानून बनाया गया था। इसके बाद 20 अप्रैल को केंद्र सरकार ने अपने सभी विभागों को निर्देश दिया था कि वे सिविल सेवा और अन्य पदों के लिये आवेदन पत्र में उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर – transgender ) के लिए तृतीय लिंग की अलग श्रेणी बनाएं।