नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करने की संभावना है। उनका यह संबोधन ऐसे वक्त में हो सकता है जब कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ सहित वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग कर रह हैं। प्रधानमंत्री सचिवालय के सूत्रों ने बताया है पीएम ओली आज राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं। समय अभी तय नहीं है लेकिन तैयारी की जा रही है। गुरुवार दोपहर को कैबिनेट की बैठक के बाद इस पर फैसला होगा।
इस बीच, ओली आज राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी से मिलने शीतल निवास भी गए।
वहीं सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पा कमल दहल गुट ने पीएम ओली के खिलाफ एक और दांव चला है। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने बुधवार को एक बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी नेताओं ने ओली के खिलाफ रणनीति तैयार करने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है।
यह पहली बार है जब कुल 44 स्थायी समिति के सदस्यों में से 31 ओली के खिलाफ खड़े हुए हैं। वरिष्ठ नेताओं में सह-अध्यक्ष पुष्पा कमल दहल, माधव नेपाल, झलनाथ खनाल और बामदेव गौतम सहित अन्य ने प्रधानमंत्री से विभिन्न मुद्दों पर उनकी ‘विफलता’ का हवाला देते हुए पद से हटने को कहा है।
हिमालयन टाइम्स के अनुसार, मंगलवार को आयोजित एनसीपी की स्थायी समिति की बैठक में ओली के भारत के खिलाफ दिए गए हालिया विवादास्पद बयानों से गर्मा गई थी।
खनाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पार्टी में गुटीय हितों को बढ़ावा दिया और केवल अपने व्यक्तिगत हितों को पूरा करने के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि ओली नीतियों और कार्यक्रमों को लाने में विफल रहे और पिछले तीन वर्षों में पूंजीवादी नीतियों का पालन किया और समाजवाद के लक्ष्यों को अनदेखा किया जो उनकी पार्टी के लिए प्रतिबद्ध थे।
ओली ने भारत पर निकाली थी भड़ास
नाकामियों की वजह से हाथ से छूट रही सत्ता के लिए केपी शर्मा ओली ने भारत पर भड़ास निकाली थी। ओली ने कहा है कि उनकी कुर्सी छीनने के लिए नई दिल्ली और काठमांडू में साजिश रची जा रही है। उन्होंने इसके लिए नक्शा विवाद को वजह बताया है। हालांकि सच्चाई यह है कि चीन के बेहद करीबी ओली के लिए चीन से आया वायरस ही कुर्सी से गिराने वाला बड़ा कारण बन गया है।
क्या कहा था ओली ने?
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में अल्पमत में आ चुके केपी ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा, ”देश का नया नक्शा जारी करने और संसद से इसे पास कराने की वजह से मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। बुद्धिजीवियों की चर्चा, नई दिल्ली से मीडिया रिपोर्ट्स, दूतावास की गतिविधियों और काठमांडू के अलग-अलग होटलों में चल रही बैठकों से, यह समझना मुश्किल नहीं है कि किस तरह लोग मुझे हटाने के लिए खुलकर एक्टिव हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।”