उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रदेश में लॉकडाउन (बंद) की स्थिति की समीक्षा के दौरान आदेश दिए कि यदि पुलिस, स्वास्थ्य कर्मी तथा स्वच्छता कर्मियों पर कोई हमला करे तो दोषी के विरुद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) तथा भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपद्रवी तत्वों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने पर नुकसान की भरपाई के लिए उनसे वसूली की जाए। पैसा नहीं देने पर उनकी सम्पत्ति जब्त कर ली जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पुलिस भी जाए। लोकभवन में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद यहां जारी एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि जनता को आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध हो। इसके दृष्टिगत होम डिलीवरी (घर पर सामान की आपूर्ति) की व्यवस्था को तेज किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आपूर्ति की व्यवस्था बनी रहे।
‘संक्रमण को छुपाने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) को पूरी तरह से सील कर, आवागमन को पूरी सख्ती से प्रतिबंधित किया जाए। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनेटाइजेशन एवं घर पर सामान आपूर्ति करने वाली टीमों को ही आवागमन की अनुमति दी जाए। हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में घर-घर सेनेटाइजेशन कराया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को छुपाने एवं जानबूझकर न बताने वाले लोगों को चिन्हित कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
‘हर हाल में हो सोशल डिस्टेंसिंग का पाालन’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आगामी 20 अप्रैल, 2020 से भारत सरकार के आदेशानुसार विभिन्न गतिवधियों का संचालन अनुमन्य किया जा रहा है। भारत सरकार की व्यवस्था के क्रम में प्रदेश में प्रारम्भ किए जाने वाले कार्यों तथा गतिविधियों के सम्बन्ध में सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। प्रत्येक यूनिट की सावधानियां तय की जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी प्रत्येक यूनिट में थर्मल स्कैनर तथा सैनेटाइजर आदि की पर्याप्त उपलब्धता रहे। हर हाल में सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन सुनिश्चित किया जाए।
‘बिना सुरक्षा उपाय के आपात सेवाओं का संचालन नहीं’
योगी ने कहा कि प्रत्येक जनपद के चिन्हित अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं सक्षम स्तर से अनुमति के पश्चात ही संचालित की जाएं। आपात सेवाओं के संचालन के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिव प्राथमिकता पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। सभी अस्पतालों में एन-95 मास्क, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) सहित संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के आपात सेवाओं का संचालन न किया जाए।
‘अन्य राज्यों में फंसे लोगों की दिक्कतों को दूर करें’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल अथवा संस्थागत पृथकवास की अवधि पूरी करने के पश्चात घर पर पृथकवास हेतु घर भेजे जा रहे सभी लोगों की, अपर मुख्य सचिव राजस्व से सूची प्राप्त कर, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से नियमित निगरानी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी प्रत्येक फोन कॉल को सुने। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सचेत एवं संवेदनशील रहें। सम्बन्धित राज्य सरकार के नियमित सम्पर्क में रहते हुए विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेश वासियों की दिक्कतों को दूर कराएं।