कोरोना: मौसम ने फसल तो वायरस ने ख़राब की ‘किसानी’

कोरोना का लॉकडाउन तो 21 मार्च से आया है, लेकिन जिस राज्य की 77 फ़ीसदी आबादी कृषि कार्यों में लगी है उसके किसानों के लिए यह संकट उससे पहले आ चुका था.

लॉकडाउन की शुरुआत से पहले फ़रवरी के अंतिम और मार्च के शुरुआती हफ़्तों में बेमौसम बरसात और भारी ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी रबी की फसल को तबाह कर दिया.

उस बरसात में दलहनी फसलें लगभग नष्ट हो गईं. बची गेहूं की फसल. लेकिन, ख़राब मौसम इतना लंबा चला कि गेहूं की बालियां भी ठीक से नहीं फूट पाईं.

अब लॉकडाउन के पहले 21 दिनों के बीत जाने के ठीक बाद, बुधवार यानी 15 अप्रैल की सुबह को बिहार के ज़्यादातर हिस्सों में आंधी के साथ तेज़ बारिश हुई.

दुर्भाग्यवश, यह बारिश ऐसे वक़्त में हुई जब कोरोना के लॉकडाउन के कारण फसल की कटाई का काम बुरी तरह प्रभावित हो चुका है और पहले की बेमौसम बरसात ने पैदावार को लगभग आधा कर दिया है.

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