हर्बल काढ़ा बचाएगा आपकी जान, आपका जहान कोरोना इंफेक्शन से

चित्रा हर्बल्स का केसर काढ़ा गरम पानी में ही बनता है। वह आगे कहते हैं कि अलग अलग लोगों में अलग अलग लक्षण प्रकट होते हैं…इसलिए सेम आर्गन्स को प्रोटेक्ट करने के लिए कई हर्ब्स का यूज होता है, जो अलग अलग तरीके से प्रोटेक्शन देती हैं।
प्लीज सुरक्षित रहें। इस कोरोना के वायरल इंफेक्शन को हल्के में न लें। आप जानना चाहेंगे कि क्या होता है इंफेक्शन होने पर…और कैसे इंफेक्शन से बचा जा सकता है। आपके इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने बात की लखनऊ के एक जाने माने आयुर्वेदिक चिकित्सक नरेंद्र राजपाल से।

आईए जानते है आयुर्वेदिक चिकित्सक नरेंद्र राजपाल से।

कैसे और किसे होता है इंफेक्शन
कोरोना के संबंध में नरेंद्र राजपाल का कहना है कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जैसे मोटे, बुजुर्ग, कैंसर या डायबिटिक मरीज, वह आसानी से कोरोनावायरस के शिकार हो जाते हैं। वह बताते हैं कि ऐसे लोगों की नलिकाओं और फेफड़ों में कफ जमने लगता है, जो इंफेक्शन बढ़ने पर बहुत गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है।

श्री राजपाल बताते हैं कि इस स्थिति में रोगी सांस नहीं ले पाता। पर्याप्त आक्सीजन न मिलने पर शरीर और दिमाग काम करना बंद करने लगता है। इस स्थिति में रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है। बेचैनी में शरीर का और ज्यादा हिलने डुलने लगता है। इससे आक्सीजन की जरूरत और तेजी से बढ़ने लगती है, इससे यह एक चक्र बन जाता है।

ये काढ़ा बचाएगा आपकी जान, आपका जहान कोरोना इंफेक्शन से
चित्रा हर्बल्स का केसर काढ़ा गरम पानी में ही बनता है। वह आगे कहते हैं कि अलग अलग लोगों में अलग अलग लक्षण प्रकट होते हैं…इसलिए सेम आर्गन्स को प्रोटेक्ट करने के लिए कई हर्ब्स का यूज होता है, जो अलग अलग तरीके से प्रोटेक्शन देती हैं।

लखनऊः प्लीज सुरक्षित रहें। इस कोरोना के वायरल इंफेक्शन को हल्के में न लें। आप जानना चाहेंगे कि क्या होता है इंफेक्शन होने पर…और कैसे इंफेक्शन से बचा जा सकता है। आपके इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने बात की लखनऊ के एक जाने माने आयुर्वेदिक चिकित्सक नरेंद्र राजपाल से।

कैसे और किसे होता है इंफेक्शन
कोरोना के संबंध में नरेंद्र राजपाल का कहना है कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जैसे मोटे, बुजुर्ग, कैंसर या डायबिटिक मरीज, वह आसानी से कोरोनावायरस के शिकार हो जाते हैं। वह बताते हैं कि ऐसे लोगों की नलिकाओं और फेफड़ों में कफ जमने लगता है, जो इंफेक्शन बढ़ने पर बहुत गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है।

श्री राजपाल बताते हैं कि इस स्थिति में रोगी सांस नहीं ले पाता। पर्याप्त आक्सीजन न मिलने पर शरीर और दिमाग काम करना बंद करने लगता है। इस स्थिति में रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है। बेचैनी में शरीर का और ज्यादा हिलने डुलने लगता है। इससे आक्सीजन की जरूरत और तेजी से बढ़ने लगती है, इससे यह एक चक्र बन जाता है।



वह बताते हैं कि सांस लेने के लिए बाहरी सपोर्ट न मिलने पर वाइटल आर्गन सफर करने लगते हैं, जिससे एडेमा (सूजन आना, पानी भरना) आदि काम्प्लीकेशन होने लगते हैं। सिचुएशन बद से बदतर होने लगती है जो कई बार जानलेवा हो जाती है। कोरोना इंफेक्शन के बाद कई और रोग तेजी से बढ़ने लगते हैं। इससे रोगी बहुत ही ज्यादा परेशान हो जाता है।

काढ़ा देता है सुरक्षा
श्री राजपाल बताते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री ने भी आज लॉकडाउन-2 की घोषणा के समय इम्युनिटी बढ़ाने, गरम पानी और काढ़ा पीने को कहा है। वह बताते हैं कि चित्रा हर्बल्स का केसर काढ़ा गरम पानी में ही बनता है। वह आगे कहते हैं कि अलग अलग लोगों में अलग अलग लक्षण प्रकट होते हैं…इसलिए सेम आर्गन्स को प्रोटेक्ट करने के लिए कई हर्ब्स का यूज होता है, जो अलग अलग तरीके से प्रोटेक्शन देती हैं।लेकिन चित्रा हर्बल्स के सुपर संजीवनी काढ़े में सारे वाइटल आर्गन्स को प्रोटेक्ट करने के लिए पर्याप्त हर्ब्स हैं। काढ़ा, सुरक्षा व सावधानियां ये मिलकर संपूर्ण सुरक्षा देती हैं।

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