भारत सरकार ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए कई एजेंसियां डोमिनिका सरकार के संपर्क में हैं, जिनका कहना है कि चोकसी मूल रूप से एक भारतीय नागरिक है। उसने लगभग दो अरब यूएस डॉलर की धोखाधड़ी करने के बाद भारत में कानून से बचने के लिए नई नागरिकता ली थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने बैक-चैनल और राजनयिक मार्ग के माध्यम से डोमिनिका से स्पष्ट रूप से कहा है कि मेहुल चोकसी को एक भगोड़े भारतीय नागरिक के रूप में माना जाना चाहिए, जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस है। भारत ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपने की बात कही है। चोकसी के द्वारा अभी तक अपनी भारतीय नागरिकता से इनकार करने का कोई मामला नहीं सामने आया है।
एंटीगुआ ने भी डोमिनिका से चोकसी को सीधे भारत को सौंपने का आग्रह किया है। हालांकि, बाद में एक बयान जारी कर कहा था कि चोकसी को एंटीगुआ को सौंप दिया जाएगा। चोकसी को एंटीगुआ में पूर्ण कानूनी संरक्षण प्राप्त है और वहां से चोकसी को भारत को सौंपने में समय लगेगा। एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने एक साक्षात्कार में एएनआई को बताया है कि चोकसी को एंटीगुआ में वापस प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डब्ल्यूआईसी न्यूज की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “यह आरोप लगाया गया था कि यूपीपी के विपक्षी नेता जमाले प्रिंगल ने भगोड़े मेहुल चोकसी के परिवार के साथ एक अंडर-टेबल मीटिंग की थी और उनके साथ एक विशेष अनौपचारिक फंडिंग समझौता किया है। उन्होंने संसद में चोकसी के सिए आवाज भी उठाई है।”
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है, “चाहे वह एंटीगुआ और बारबुडा की यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी (यूपीपी) हो या डोमिनिका की यूनाइटेड वर्कर्स पार्टी (यूडब्ल्यूपी), दोनों मेहुल चोकसी का समर्थन करने के लिए एक-दूसरे को मात देने में लगे हुए हैं।”
चोकसी की राजनीतिक और धन शक्ति 2 जून को सुनवाई के दौरान प्रदर्शित होने की संभावना है। जानकार सूत्रों का कहना है कि उन्होंने वकीलों की एक बड़ी टीम को काम पर रखा है। इसके अलावा स्थानीय राजनीतिक समर्थन का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि, चोकसी को भारत को सौंपने के लिए इंटरपोल के दबाव के साथ-साथ बैक-चैनल दबाव पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।
डोमिनिकन की एक अदालत ने चोकसी के डोमिनिका से प्रत्यर्पण पर रोक लगाने वाले अपने आदेश को 2 जून तक बढ़ा दिया है। उच्च न्यायालय उस तारीख को भारतीय भगोड़े की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर भी सुनवाई करेगा।