यूक्रेन में युद्ध मानो रूस के लिए भारी पड़ रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 147000 और सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से 18-27 साल के लड़कों की भर्ती का आदेश दिया है. भर्ती प्रक्रिया आज, 1 अप्रैल से शुरू होनी है. इससे पहले पुतिन ने तीन लाख भर्ती का आदेश दिया था, जिसके बाद रूसी युवाओं को देश छोड़कर भागना पड़ा था।
बताया जाता है कि एक साल लंबे युद्ध में पुतिन ने करीब सात लाख (694,000) सैनिक गंवाए हैं. इनमें 520,000 सैनिक इस कदर घायल हुए कि वह फ्रंटलाइन पर जाने के काबिल नहीं हैं, जबकि 173,000 सैनिक मारे गए हैं. यूक्रेन स्पेशल फोर्सेज के मुताबिक, पुतिन ने अपने 77% सैनिक खो दिए हैं, जहां उनके पास कुल 900,000 सैनिक थे. अब नई भर्तियों के आदेश से माना जा रहा है कि पुतिन बौखलाए हुए हैं और यही वजह है कि उन्हें नई भर्ती का आदेश देना पड़ा।
सैनिकों की उम्र की समय-सीमा बढ़ाने का प्लान
मीडिया रिपोर्ट में एक एंटी-पुतिन रूसी मीडिया संस्थान Meduza ने बताया कि रिक्रूटमेंट प्रक्रिया 1 अप्रैल से 15 जुलाई तक चलेगी. पुतिन सैनिकों की उम्र की सीमा भी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. फिलहाल यह 18-21 साल है लेकिन इसे 27-30 साल करने का प्लान है. पुतिन ने पिछले साल अगस्त महीने में 137,000 और दिसंबर में 300,000 भर्तियों का आदेश दिया था. इनमें 150,000 सैनिकों को फ्रंटलाइन पर भेजा गया था, जबकि बाकी सैनिक ट्रेनिंग पर थे।
सैन्य बल को 15 लाख ले जाने का प्लान
अब जबकि युद्ध को एक साल से भी ज्यादा हो चुके हैं, तो पुतिन ने और सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया है. राष्ट्रपति का प्लान सैन्य बल को 15 लाख तक ले जाने का है. पुतिन का हालिया आदेश तब आया है जब पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियार सप्लाई बढ़ा दी है. दिसंबर के आदेश के बाद रूस के हजारों की संख्या में युवा देश छोड़कर भागने को मजबूर हो गए. रूसी सीमाओं से आई तस्वीरों में देखा गया था कि बड़ी संख्या में युवा भागने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, पुतिन ने यहां नई भर्तियों के लिए कई स्कीमें भी शुरू की थी।