कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से इस फैसले पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. लेकिन इस बीच इस मामले के देश के बाहर जाने को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है. राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के मसले पर जर्मनी की ओर से संज्ञान लिए जाने और दिग्विजय सिंह का इसके लिए आभार जताने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कड़ी आलोचना की है।
राहुल गांधी की सदस्यता से जुड़े मामले पर जर्मनी की ओर से संज्ञान लेने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा जर्मनी का आभार जताने के एक दिन बाद ही राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें विदेश से इस मामले में समर्थन की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह हमारी लड़ाई हमारी अपनी है. उसमें हम एक साथ हैं।
हमें बैसाखी की जरुरत नहींः कपिल सिब्बल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की ओर से आभार जताने पर अपनी असहमति जताते हुए वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने यह भी कहा, “हमें आगे बढ़ने के लिए किसी तरह की बैसाखी की जरूरत नहीं है.” कपिल सिब्बल ने पिछले साल कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी।
दिग्विजय ने इससे पहले राहुल गांधी मसले पर संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्रसारणकर्ता डॉयचे वैले के चीफ इंटरनेशनल एडिटर रिचर्ड वाकर दोनों का आभार जताया था।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा था, “हमने राहुल गाधी के खिलाफ फैसले और उनकी संसदीय सदस्यता निलंबित किए जाने के मामले पर संज्ञान लिया है।
पिछले साल सिब्बल ने छोड़ दी थी कांग्रेस
कपिल सिब्बल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे थे, लेकिन उन्होंने पिछले साल मई में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. फिर इसके बाद वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा के सांसद बन गए थे।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने भी दिग्विजय सिंह की ओर से जर्मनी का आभार जताने पर विपक्षी दलों पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी ताकतों को न्योता देने का आरोप लगाया था. कई केंद्रीय मंत्रियों की ओर से भी दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया पर तीखी टिप्पणी की गई थी।
अमेरिका ने भी राहुल मसले पर की टिप्पणी
हालांकि कांग्रेस ने अपने नेता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि पार्टी को दृढ़ विश्वास है कि देश को अपने यहां लोकतंत्र को उत्पन्न खतरों से खुद निपटना होगा।
जर्मनी से पहले अमेरिका भी राहुल गांधी के मसले पर बयान दे चुका है. अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि हम भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के मामले को देख रहे हैं।