चीन ने एक जापानी नागरिक को गिरफ्तार कर रखा है. इसी महीने की शुरुआत में उसने जापान के नागरिक को गिरफ्तार किया था. चीन की गैर-कानूनी हिरासत में मौजूद यह जापानी नागरिक एस्टेलस फार्मा से जुड़ा है. 50 वर्षीय शख्स को चीन की राजधानी बीजिंग से हिरासत में लिया गया था. अबतक जापान चीन से उन्हें रिहा करने की कई बार अपील कर चुका है. चीन है कि टस से मस होने को राजी नहीं है. आखिर कौन है चीन की गैर-कानूनी हिरासत में पड़ा यह जापानी नागरिक।
वो शख्स जिसकी रिहाई के लिए जापान से प्रभावशाली देश के हुक्मरान, बीते करीब एक महीने से चीन के हुक्मरानों की देहरी पर एड़ियां रगड़ रहे हैं. इस मामले में जापान और चीन के अपने-अपने पक्ष में अलग अलग तर्क हैं. दोनों ही देश इस मुद्दे पर खुद को सही साबित करने की पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं. जापान का कहना है कि, उनका यह नागरिक किसी भी तरह से जासूसी में लिप्त नहीं है, जबकि जापान की इस दलील के एकदम उलट, चीन का दावा है कि जापान ने इस संदिग्ध शख्स को चीन की जासूसी के लिए बीजिंग भेजा था. जब तक इस संदिग्ध शख्स के चीन में घुसने की असली वजह पता नहीं चल जाती है, तब तक चीन इस जापानी नागरिक को कतई रिहा नहीं करेगा।
चीन की अवैध हिरासत में जापानी नागरिक
एस्टेलस फार्मा से जुड़े इस जापानी शख्स को वहां की हुकूमत रिहा करवाने के लिए हर-संभव रास्ते खोजने में जुटी है. हालांकि चीन और जापान दोनों ने ही अभी तक एस्टेलस फार्मा के कर्मचारी बताए जा रहे इस संदिग्ध शख्स की पहचान नहीं खोली है. उधर इस घटना से हतोत्साहित जापानी कंपनी एस्टेलस फार्मा ने कहा कि, वो लगातार अपने देश (जापान) के विदेश मंत्रालय के संपर्क में है, ताकि किसी भी तरह से चीन मनमर्जी उसके कर्मचारी को कहीं किसी गलत मामले में फंसा न डाले. यहां जिक्र करना जरूरी है कि चीन इस तरह से किसी जापानी मूल के नागरिक को पहली बार गैर-कानूनी हिरासत में नहीं रखे हैं।
विदेशी नागरिक को पकड़ चीन मढ़ता है जासूसी का आरोप
चीन में इस तरह से विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिए जाने की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं. यह काम चीन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने की आड़ में गाहे-ब-गाहे करता ही रहता है. जासूसी कानून साल 2014 और 2015 को लेकर चीन हमेशा सख्ती ही बरतता रहता है. इस कानून की आड़ में चीन ने अब से पहले भी विदेशी नागरिकों को पकड़ चुका है. बात अगर सिर्फ और सिर्फ साल 2015 की ही करें तो 16 नागरिकों चीन ने पकड़े थे. इन सभी को ऊपर चीन ने अपने देश की जासूसी करने का आरोप मढ़ा था।
चीन, न जापान बता रहा शख्स की असली पहचान
यहां सवाल है कि अगर जापान और चीन में हाल ही में हिरासत में लिए गए उसके नागरिक की, भूमिका अगर संदिग्ध नहीं है तो फिर आखिर जापान चीन की हिरासत में मौजूद अपने आदमी की पहचान उजागर क्यों नहीं कर रहा है? वो भी किसी एक फार्मा कंपनी के कर्मचारी के मामले में. वहीं दूसरी ओर, चीन की बात करें तो सवाल यह पैदा होना लाजिमी है कि, आखिर चीन एक महीने से किसी जापानी शख्स को हिरासत में रखकर भी. अभी तक यह तक पता क्यों नहीं लगा पाया है कि आखिर क्या वास्तव में उसकी हिरासत में मौजूद जापानी नागरिक, चीन की जासूसी करने पहुंचा था? फिलहाल दोनों ही देशों द्वारा जापानी मूल के इस नागरिक की पहचान न खोले जाना, तमाम सवालों को जन्म देने के लिए तो काफी है।