NZ vs SL: ऐन मौके पर बैटरी खत्म, बल्लेबाज की किस्मत देख दुनिया हैरान

क्रिकेट की दुनिया में कई बार कुछ ऐसा देखने को मिलता है जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होती. कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिसे देख क्रिकेट में तकनीक के बढ़ते प्रयोग पर भी सवाल उठते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के बीच वनडे मैच में जहां आउट हो कर भी बल्लेबाज आउट नहीं हुआ. फील्डिंग कर रही टीम के साथ तकनीक ने ही धोखा कर दिया. जिसने भी मैच का ये नजारा देखा वो हैरान रह गया।

श्रीलंका फिलहाल न्यूजीलैंड के दौरे पर है. दोनों टीमों के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के बाद वनडे सीरीज खेली गई. इस सीरीज का पहला मुकाबला ऑकलैंड में खेला गया. मुकाबले के दौरान किस्मत के धनी श्रीलंकाई बल्लेबाज चमिका करुणारत्ने रनआउट होने से सिर्फ इसलिए बच गए क्योंकि स्टंप्स की बेल्स की बैटरी खत्म हो गई थी।

रनआउट होकर भी पवेलियन नहीं गए करुणारत्ने

इस मैच में न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने दमदार अंदाज में खेलते हुए श्रीलंका की टीम को 275 रनों का लक्ष्य दिया था. श्रीलंकाई टीम लक्ष्य का पीछा करने उतरी. पारी का 18वां ओवर लेकर आए ब्लेयर टिकनर. ओवर की चौथी गेंद पर स्ट्राइक पर करुणारत्ने थे जिन्होंने गेंद को मिड विकेट की ओर खेला और रन लेने दौड़ पड़े. पहला रन तो उन्होंने बड़ी आसानी से ले लिया लेकिन दूसरा रन पूरा करने वो क्रीज तक पहुंचते इससे पहले ही कीवी फील्डर ने बेल्स गिराने की कोशिश की।

खत्म हो गई थी बेल्स की बैटरी

ये नजारा देखकर ऐसा लगा कि करुणारत्ने आउट हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बेल्स पर गेंद लगी जिससे वो स्टंप्स से हट गईं लेकिन लाइट नहीं जली और अंपायर ने बल्लेबाज को नॉट आउट दिया. न्यूजीलैंड के खिलाड़ी ने स्टंप्स पर हाथ लगाया उस समय स्टंप्स और बेल्स पर लगी लाइट की बैटरी खत्म हो चुकी थी. जिसके चलते खिलाड़ी ने जिस समय रन आउट किया तो उसकी लाइट जली नहीं. इस घटना की तस्वीरें और वीडियो तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहीं हैं।

न्यूजीलैंड ने जीता मुकाबला

हालांकि इसका ज्यादा नुकसान न्यूज़ीलैंड को नहीं हुआ क्योंकि वो अगले ही ओवर यानि 19वें ओवर में आउट हो गए. हेनरी शिपले ने ये विकेट हासिल किया. लंका की पूरी टीम सिर्फ 76 रनों पर ढेर हो गई और न्यूज़ीलैंड को 198 रनों से बड़ी जीत पहले वनडे मैच में मिली लेकिन रनआउट की घटना ने फैंस को काफी हैरान कर दिया. सभी इसे लापरवाही बता रहे थे और कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा होना अच्छी बात नहीं है।

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