चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले और दुनिया के तीसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे का शिलान्यास किया. 644.49 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को दो साल के अंदर पूरा किया जाएगा. इससे वाराणसी कैंट से काशी विश्वनाथ मंदिर व दशाश्वमेघ घाट का सफर आसान हो जाएगा. अभी यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बनारस की संकरी गलियों में घंटों घंटों तक जाम से जूझना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि बनारस कैंट और विश्वनाथ कारीडोर की दूरी कुछ मिनटों की रह जाएगी. लोगों का मन होता है बनारस घूमने का, लेकिन जाम की वजह से वह नहीं जा पाते. इस रोप वे से ऐसे लोगों को भी बहुत फायदा होगा. यह सिर्फ आवाजाही का प्रोजेक्ट नहीं है. रोपे वे स्टेशनों में खाने पीने और खरीदारी की भी सुविधा होगी. इससे यह बिजनेस और रोजगार का एक और सेंटर बनेगा.इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस के करीब 1780 करोड़ की लागत वाले 28 अन्य प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि बनारस एयरपोर्ट पर नया एटीसी टॉवर का शिलान्यास किया गया है. इससे भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार करना आसान होगा. काशी में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो काम हो रहा है, उससे भी सुविधा बढ़ेगी. यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की छोटी छोटी आवश्यकता को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है.प्रधानमंत्री बनारस वासियों के लिए सौगात की थैली लेकर सुबह 9:55 बजे वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे. यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. वहीं प्रधानमंत्री और अपने सांसद के स्वागत के लिए बनारस के लोग भी सड़कों के किनारे मौजूद थे।
वाराणसी के लोगों ने मोदी मोदी का नारा लगाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया. लोगों कहीं शंखनाद करके तो कहीं पुष्पवर्षा करते हुए पीएम का स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने रोप वे का शिलान्यास करते हुए इसकी खूबियां बताई. कहा कि यह ना केवल देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे होगा बल्कि यह दुनिया का तीसरा रोपवे बनेगा.इससे वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने अभी तक इस तरह का रोपवे बोलीविया के लापाज और मेक्सिको में हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है. यदि सबकुछ ठीक रहा तो देश के अन्य स्थानों पर भी इस तरह के प्रोजेक्ट लाए जा सकते हैं।
एक नजर में रोपवे प्रोजेक्ट
- 3.8 किलोमीटर लंबा होगा रोप वे, 16 मिनट में तय होगी दूरी।
- स्विट्जरलैंड की कंपनी बथोर्लेट के साथ नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड करेगी प्रोजेक्ट पर काम।
- दो मिनट के अंतराल में चलेंगी कुल 150 ट्रॉली कार।
- भूतल से 50 मीटर की ऊंचाई पर चलेगी ट्रॉली कार।
- प्रत्येक ट्रॉली कार की क्षमता 10 पैसेंजर की होगी।
- रोपवे से एक तरफ से हर घंटे कम से कम 3000 यात्री कर सकेंगे यात्रा।