मिस्टर इंडिया बनाते वक्त 11 साल के बच्चे बन जाते थे शेखर कपूर, 36 साल बाद हुआ खुलासा

मिस्टर इंडिया के निर्देशक शेखर कपूर ने फिल्म की रिलीज़ के करीब 36 साल बाद कहा है कि जब वो ये फिल्म बना रहे थे तो उन्होंने बच्चों की तरह सोचना शुरू कर दिया था. शेखर कपूर फिल्म वाट्स लव गॉट टू डू विद इट के साथ निर्देशन में करीब 16 साल बाद वापस आ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने आइकॉनिक फिल्म मिस्टर इंडिया पर भी बात की।

एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “मिस्टर इंडिया मैं बच्चों के लिए बना रहा था. मैं 11 साल का बच्चा बन जाता था, एक खयाली छोटा शेखर, मेरे बगल में बैठा रहता था. जब भी मैं शूट करता, मैं पूछता था क्या लगता है तुम्हें?” उन्होंने बताया कि शूटिंग के दौरान वो लगातार अपने खयाली बच्चे से बातें किया करते थे।

खुद बच्चे की तरह सोचते थे शेखर कपूर

शेखर कपूर ने कहा कि वो खुद को 11 साल छोटा बच्चा समझकर खुद से ही बातें करते थे. उन्होंने कहा कि जब वो मिस्टर इंडिया बना रहे थे तो उन्हें काफी मजा आता था. वो चाहते थे कि फिल्म में भी खुशी और मासूमियत दिखाई दे।

शेखर कपूर ने कहा कि उन्हें अभी भी फिल्म मासूम और मिस्टर इंडिया को लेकर लोगों के फोन कॉल और मैसेजेस आते हैं. उनका कहना था कि इन फिल्मों ने लोगों पर यहां तक कि नौजवानों पर भी गहरी छाप छोड़ी।

श्रीदेवी और अनिल कपूर ने निभाई थी मुख्य भूमिका

आपको बता दें मिस्टर इंडिया 1987 में आई थी. इस फिल्म में अनिल कपूर और श्रीदेवी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे गरीब लड़के का रोल किया था, जिसको उसके पिता का गायब होने वाला सीक्रेट फॉर्मूला मिल जाता है. इसके चलते वो जब चाहते थे गायब हो जाया करते थे।

फिल्म में अमरीश पुरी ने विलेन का किरदार निभाया था. उनका किरदार मोगैंबो हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे खतरनाक खलनायकों में से एक रहा. उनका डायलॉग मोगैंबो खुश हुआ जा भी लोगों को याद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *