अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी के बारे में भारत का शायद बच्चा-बच्चा जानता है, लेकिन उनके परिवार को लेकर बहुत कम जानकारी सार्वजनिक है. इसलिए जब हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी का नाम सामने आया, तब जाकर कई लोगों को इसकी जानकारी हुई. अब अडानी ग्रुप की तरफ से विनोद अडानी को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है, जिनकी भूमिका को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में कई सवाल खड़े किए गए थे।
अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने स्टॉक मार्केट को जानकारी दी है कि विनोद अडानी समूह के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं. गौतम अडानी और राजेश अडानी जहां समूह की कई लिस्टेड कंपनियों में व्यक्तिगत प्रमोटर हैं. वहीं विनोद अडानी इस ग्रुप का हिस्सा हैं और दोनों व्यक्तिगत प्रमोटर के करीबी रिश्तेदार भी हैं।
इन दो कंपनियों के असली मालिक हैं विनोद अडानी
अडानी ग्रुप की ओर से जो बयान जारी किया गया है, उसमें साफ-साफ कहा गया है कि विनोद अडानी ग्रुप की अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर समूह का हिस्सा हैं. उनकी भागीदारी पूरी तरह से भारतीय नियमों के मुताबिक है. जबकि स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी सार्वजनिक सूचनाओं में समय-समय पर इस बारे में खुलासा किया गया है।
जानकारी के मुताबिक गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी दुबई में रहते हैं. उनके पास एंडेवर ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड कंपनी का कंट्रोल है. इसी कंपनी ने असल में एसीसी सीमेंट और अंबुजा सीमेंट लिमिटेड का अधिग्रहण किया है. हालांकि ये दोनों कंपनी अडानी समूह का हिस्सा हैं।
अडानी समूह ने पिछले साल होलसिम सीमेंट कंपनी के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण कर लिया था. इस डील के साथ ही अडानी ग्रुप देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई थी।
जनवरी में किया था विनोद की भूमिका होने से इनकार
जनवरी में जब हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई थी, तब अडानी ग्रुप ने कहा था कि विनोद अडानी के पास अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों में किसी तरह मैनेजिंग पोस्ट या पावर नहीं है. ना ही इन कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियों के रोजाना के कामकाज में उनका दखल है।