तमिलनाडु के अरियालुर इलाके में कोरोना वायरस (कोविड-19) आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संक्रमण के संदिग्ध एक बुजुर्ग दिहाड़ी मजदूर ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शनिवार को बताया कि मृतक की पहचान अरियालुर जिले के अराक्कातलाई निवासी पी नारायणन (60) के रूप में की गई है और वह केरल में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे। पुलिस ने बताया कि वह 23 मार्च को अपने पैतृक स्थान पर लौटे थे।
उन्होंने बताया कि बुखार और जुकाम की शिकायत के बाद छह अप्रैल को वह सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए थे और उन्हें आइसोलेशन वार्ड में बनाए गए एक अलग कमरे में क्वारंटीन कर दिया गया था जहां शुक्रवार शाम को उन्होंने तौलिए से फंदा बनाकर कथित तौर पर फांसी लगा ली।
मौत के कुछ देर बाद आई जांच रिपोर्ट में नहीं मिला कोरोना
पुलिस ने बताया कि नारायणन के आत्महत्या करने के कुछ मिनट बाद ही उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट आई जिसमें वह कोरोना से संक्रमित नहीं पाए गए। उनके खून के नमूने महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल में जांच के लिए भेजे गए थे। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्होंने आत्महत्या कोरोना के डर से की या फिर पारिवारिक विवाद की वजह से। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस बीच कोयंबटूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं ईएसआई अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती एक मरीज द्वारा तोड़-फोड़ किए जाने का मामला सामने आया है।
बिरयानी न मिलने पर हंगामा-
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में शुक्रवार शाम को 27 वर्षीय कोरोना पीड़ित को घर की बनी बिरयानी देने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद उसने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर के. कुलंदाईवेलु की शिकायत पर सिंगनल्लूर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मरीज के ठीक होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल कोरोना पीड़ित की पत्नी उसे आइसोलेशन वार्ड में घर की बनी बिरयानी देने आई थी लेकिन अस्पताल प्रशासन ने यह कह कर अनुमति नहीं दी कि सभी पीड़ितों का आहार निर्धारित किया गया है और किसी को भी बाहर का खाना खाने की अनुमति नहीं है। इससे नाराज मरीज ने वार्ड में लगे अग्निशामक यंत्र को निकाल कर खिड़की पर फेंक दिया जिससे उसके शीशे टूट गए।