केरल के कासरगोड जिले में एक मुस्लिम कपल की ओर से विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दूसरी शादी को लेकर अब दारुल हुदा इस्लामिक यूनिवर्सिटी की ओर से फतवा जारी किया गया है. फतवे में मुस्लिम कपल की ओर से विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी करने के फैसले को नाटक बताया गया है और कहा गया है कि इस तरह के कदमों से इस्लाम पर भरोसा रखने किसी के बहकावे में नहीं आएंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फतवे में कहा गया है कि इस्लाम के लोग इस तरह के किसी भी प्रकार के बहकावे में नहीं आएंगे. वे धर्म को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने और धार्मिक कानूनों का अपमान करने के लिए उठाए गए कदमों का पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे और उनका मनोबल तोड़ेंगे।
सात मार्च को जारी किए गए फतवे में कहा गया है कि यह विरोधाभासी है कि एक इस्लामी कानूनों का पालन करने वाला शख्स दूसरी शादी कर रहा है. विशेष विवाह अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि उसकी संपत्ति पर उसकी तीनों बेटियों को अधिकार होगा।
फिल्म में निभाई थी वकील की भूमिका
दरअसल, एडवोकेट और अभिनेता सी शुक्कुर और पत्नी शीना ने अपनी बेटियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दूसरी बार शादी की है. एडवोकेट और अभिनेता सी शुक्कुर को ‘नना थान केस कोडू’ में एक वकील की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. वहीं, शीना महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो-वाइस चांसलर हैं. शुक्कुर और शीना ने पहली बार 1994 में निकाह किया था. अब उन्होंने बुधवार सुबह कासरगोड जिले के सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में शादी रचाई है।
दूसरी बार शादी रचाने के बाद शुक्कुर ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा कि शादी करने का उनका फैसला किसी भी धार्मिक विश्वास का अनादर करना या फिर धर्म के प्रति विश्वास रखने वालों के मनोबल को तोड़ना नहीं था. इसलिए उनके शादी के विरोध कोई सवाल नहीं उठता है।
इसलिए अगर उन पर कोई शारीरिक हमला होता है इसकी पूरी जिम्मेदारी उन सभी लोगों की होगी जिनकी ओर से विरोधाभासी बयान दिया गया है. अंत में उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कानून लागू करने वाले इस पर ध्यान देंगे।