ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए एक विवादित नई योजना का ऐलान किया है. सुनक ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वालों को शरण का दावा करने की इजाजच नहीं दी जाएगी. ऋषि सुनक ने एक ट्वीट में कहा, “अगर आप अवैध रूप से यहां आते हैं, तो आप शरण का दावा नहीं कर सकते. आप हमारे मॉडर्न स्लेवरी प्रोटेक्शन का फायदा आपको नहीं मिलेगा. आप मानव अधिकारों के झूठे दावे नहीं कर सकते और आप यहां अवैध रूप से नहीं रह सकते।
पीएम ऋषि सुनक ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हम उन लोगों को हिरासत में लेंगे जो अवैध रूप से यहां आते हैं और अगर ऐसा करना मुमकिन होगा तो फिर हफ्ते भर में उन्हें उनके देश भेज देंगे… या फिर रवांडा जैसे किसी दूसरे मुल्क भेज देंगे.” पीएम सुनक ने कहा कि अगर आप एक बार यहां से निकाल दिए गए तो आप पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
कानून का उल्लंघन करने वालों को किया जाएगा बाहर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इल्लिगल माइग्रेशन बिल या अवैध प्रवासन बिल के कानून बन जाने के बाद इसके तहत अवैध रूप से सीमा पार कर ब्रिटेन में घुसने वालों पर नकेल कसेगा. मसौदा कानून के तहत, इसकी जिम्मेदारी आंतरिक मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को दी जाएगी, जो अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने का काम करेंगे… इनमें वो लोग शामिल होंगे जो ब्रिटिश कानूनों और यूरोपीयन ह्युमन राइट्स लॉ का उल्लंघन कर अवैध रूप से सीमा पार करेंगे. पिछले साल छोटी नावों पर सवार होकर 45,000 से ज्यादा प्रवासी दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के तट पर पहुंचे, जो 60 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी रही और 2018 के बाद से इसमें बढ़ोतरी ही हुई है।
पीएम सुनक के बिल की आलोचना
हालांकि, अधिकार समूहों और विपक्षी दलों ने नए कानून की आलोचना की है और कहा है कि यह योजना गलत तरीके से कमजोर शरणार्थियों को बलि का बकरा बनाएगा. यूके पहले ही निर्वासन को लागू करने की कोशिश कर चुका है, पिछले साल कुछ शरण चाहने वालों को रवांडा में शिफ्ट करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया था. हालांकि, यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स के आदेश के बाद भी योजना के धरातल पर उतरने के बाद भी ब्रिटेन से रवांडा के लिए एक भी शर्णार्थियों की उड़ान नहीं गई है।