ईरान के सर्वोच्च नेता, अयातुल्ला अली खमेनेई ने देश भर में स्कूली छात्राओं को जहर देने के मामले में अपराधियों को दंडित करने का आह्वान किया है. सोमवार को एक वार्षिक वृक्षारोपण समारोह के मौके पर खमेनेई ने कहा कि जहर देना एक अक्षम्य अपराध है और अपराधियों को इसके लिए कठोर सजा मिलनी चाहिए. वहीं खमेनेई की टिप्पणियों के तुरंत बाद, ईरान के न्यायपालिका प्रमुख ने वादा किया कि अदालतें तेजी से कार्य करेंगी और सुझाव दिया कि इसके जिम्मेदार लोगों को मृत्युदंड का सामना करना पड़ेगा।
दरअसल ईरान में स्कूली जाने वाली छात्राओं को कथित तौर पर जहर दिये जाने को लेकर उठा विवाद रविवार को और गहरा गया. अधिकारियों ने माना है कि इस तरह से 50 से ज्यादा स्कूलों को निशाना बनाया गया है. ज़हर देने की घटना ने अभिभावकों में दहशत को बढ़ा दिया है, क्योंकि देश कई महीनों से अशांति से जूझ रहा है. हालांकि ज़हर देने की घटना में अबतक किसी की भी हालत गंभीर नहीं हुई है और न ही किसी की मौत होने की खबर है।
इस घटना के लिए कौन ज़िम्मेदार?
यह भी साफ नहीं है कि इस तरह की घटना के लिए कौन ज़िम्मेदार है. ज़हर देने की घटनाओं की शुरुआत पवित्र शहर कोम में नवंबर में हुई थी. खबरों के मुताबिक, ईरान के 30 में से 21 प्रांतों में संदिग्ध मामले मिले हैं और तकरीबन सभी घटनाएं बालिका विद्यालयों की हैं।
लड़कियों की शिक्षा को चुनौती
ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद 40 साल से ज्यादा वक्त से कभी भी लड़कियों की शिक्षा को चुनौती नहीं दी गई है. ईरान ने पड़ोसी अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत से महिलाओं को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने की इजाज़त देने की मांग की है. सरकारी समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने शनिवार को कहा कि जांचकर्ताओं ने छानबीन के दौरान संदिग्ध नमूने इकट्ठा किए हैं।
ये घटना इंसानियत के खिलाफ जुर्म
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने रविवार को कैबिनेट से कहा कि ज़हर देने के मामले पर तह तक जाने और उसे सामने लाने की जरूरत है. उन्होंने खुफिया मामलों के मंत्री इस्माइल खतीब की ओर से एक रिपोर्ट पढ़ने के बाद यह टिपप्णी की. उन्होंने विद्यार्थियों और अभिभावकों में दहशत फैलाने के लिए इन कथित हमलों को इंसानियत के खिलाफ जुर्म बताया।
कम से कम 52 स्कूल प्रभावित
वाहिदी ने कहा कि जहर की संदिग्ध घटनाओं से कम से कम 52 स्कूल प्रभावित हुए हैं. ईरान की मीडिया ने स्कूलों की संख्या 60 बताई है. कम से कम एक बाल विद्यालय भी प्रभावित हुआ है. कई ईरानी पत्रकारों ने फिदायीन विलायत नाम के एक समूह के बयान का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि लड़कियों की शिक्षा को प्रतिबंधित माना जाता है और धमकी दी है कि अगर लड़कियों के स्कूल खुले रहेंगे तो पूरे ईरान में लड़कियों को ज़हर दिया जाएगा. ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें फिदायीन विलायत नाम के समूह के बारे में जानकारी नहीं है।
रसायन ले जा रहा एक ट्रक चालक गिरफ्तार
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई प्रभावित स्कूलों के पास रसायन ले जा रहे एक ट्रक के चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन किसी अन्य की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है और अधिकारियों ने विषाक्तता के बारे में निश्चित स्पष्टीकरण नहीं दिया है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि क़ोम में ख़बरों को कवर करने वाले पत्रकार अली पौरताबताबाई को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो हमलों पर नज़र रख रहा था. अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है।