अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन की तऱफदारी करने का आरोप लगाया है और कहा है कोरोना वायरस के मामले में उसने ताइवान की बातों को नज़रअंदाज़ किया है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह आरोप लगाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली फंडिंग रोकने की भी धमकी दी थी कि उसने वक़्त रहते दुनिया को इस ख़तरे से आगाह नहीं किया और लगातार चीन का बचाव भी किया है. अमरीका हर साल डब्ल्यूएचओ को 400 डॉलर देता है.
कोरोना वायरस से दुनिया भर में 16 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और संगठन इस वैश्विक महामारी से लड़ने में मदद कर रहा है. अमरीका ने यह सवाल उठाया है कि ताइवान ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जब डब्ल्यूएचओ को जानकारी दी तो उस पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अमरीका इस बात से बेहद हैरान है कि वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय से ताइवान की सूचना छुपाई गई. 14 जनवरी 2020 को जारी बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि इस वायरस के इंसान से इंसान में ट्रांसमिशन के संकेत नहीं मिले.”
उन्होंने कहा कि ताइवान को ऑब्जर्वर स्टेटस देने से भी इनकार करने वाले डब्ल्यूएचओ ने जन स्वास्थ्य के मुक़ाबले फिर से राजनीति को चुना है. डब्ल्यूएचओ के इस काम से वक़्त और ज़िंदगियां दोनों बर्बाद हुई हैं.