बर्नी सैंडर्स ने अपना चुनावी अभियान समाप्त कर दिया है. इसके साथ ही पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बाइडेन के डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने का रास्ता भी साफ़ हो गया है.
78 साल के सैंडर्स ने अपने समर्थकों से कहा कि नामांकन जीतने के लिए जितने पर्याप्त वोट चाहिए, उसका कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है.
सैंडर्स को शुरुआत में ज़रूर सफलता मिली लेकिन बीते हफ़्ते वो बाइडेन से पिछड़ गए.
उन्होंने स्वास्थ्य और आय की असमानताओं को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था.
इस साल के चुनावी चक्र में वामपंथ की ओर सबसे अधिक झुकाव रखने वाले उम्मीदवारों में से सैंडर्स खुद को डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट बताते रहे. उनका कैंपेन मुख्य तौर पर हेल्थ केयर पॉलीसीज़ को लेकर, मुफ़्त पब्लिक कॉलेज, अमीरों के लिए टैक्स बढ़ाने और न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने सहित दूसरी नीतियों पर केंद्रित रहा.