भइया किस्मत हो तो इस खिलाड़ी जैसी हो वरना ना हो. पूरे 3377 दिन बाद जनाब भारत की वनडे टीम में जो आए हैं. कहां मिलता है किसी को इतने लंबे अंतराल के बाद मौका. लेकिन, इन्होंने सिर्फ वापसी नहीं की है बल्कि एक ही दिन में 3 सौगात भी हासिल किए हैं. समझ तो गए ही होंगे आप कि हम यहां किनकी बात कर रहे हैं और अगर अब भी नहीं समझे तो बता दें कि हम जिक्र कर रहे हैं जयदेव उनादकट का. मतलब एक लंबे वक्त के बाद फिर से अब भारतीय वनडे टीम के अंदर जयदेव का नाम गूंजेगा।
दिल्ली में दूसरा टेस्ट खत्म होने के बाद BCCI ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी दो मैचों के लिए टीम का चयन किया. इसके अलावा ऑस्टेलिया के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए भी टीम का चयन किया गया. जयदेव उनादकट को इन दोनों ही टीमों में जगह मिली।
21 नवंबर 2013 को खेला आखिरी वनडे
जयदेव का टेस्ट टीम में आना पहले से तय था. लेकिन वनडे टीम में उनके आने को लेकर अंदेशा शायद ही किसी को रहा होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वो लगभग एक दशक से वनडे क्रिकेट से दूर थे. उन्होंने अपना आखिरी वनडे 21 नवंबर 2013 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला था. उसके बाद 2023 में ये पहली बार होगा जब वो भारतीय वनडे टीम में नजर आएंगे।
जयदेव का वनडे करियर
जयदेव उनादकट ने 21 नवंबर 2013 को जो वनडे खेला था, उसमें उन्होंने अपने कोटे के 6 ही ओवर डाले थे, जिसमें उन्होंने 39 रन दिए थे और कोई विकेट नहीं झटका था. उन्होंने वापसी से पहले भारत के लिए 7 वनडे खेले हैं, जिसमें 8 विकेट झटके हैं।
एक ही दिन 3 बड़ी ख्वाहिश पूरी
जयदेव उनादकट ने जिस दिन आखिरी वनडे खेला और जिस दिन फिर से उनका वनडे टीम में चयन हुआ, दोनों के बीच का अंतर 3377 दिन का रहा. टीम इंडिया में चयन वाला दिन जयदेव उनादकट के लिए 3 और वजहों से खास रहा।
पहला, इस दिन जयदेव उनादकट की कप्तानी में उनकी घरेलू टीम सौराष्ट्र दूसरी बार रणजी की चैंपियन बनीं. दूसरा, जयदेव उनादकट की जो पुजारा को उनके 100वें टेस्ट पर रणजी खिताब का तोहफा देने की ख्वाहिश थी, वो पूरी हुई. और तीसरा ये कि सौराष्ट्र की जीत में जयदेव उनादकट 6 विकेट लेकर स्टार बनकर उभरे।