अमेरिका-चीन में जारी तनाव के बीच ताइवान पहुंचे US सांसद, जानिए क्या है वजह

ताइवान के पांच दिवसीय दौरे पर ताइपे पहुंचे अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को स्वशासित द्वीप की संसद के प्रमुख से मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब हाल में जासूसी गुब्बारों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच अमेरिका और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. रविवार को पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में कैलिफोर्निया के प्रतिनिधि रो खन्ना, टेक्सास के टोनी गोंजालेस, मैसाचुसेट्स के जेक ऑचिनक्लोस और इलिनॉय के जोनाथन जैक्सन शामिल हैं।

उनके राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ-साथ व्यवसायियों से भी मिलने की उम्मीद है. सोमवार को उन्होंने ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के संस्थापक मॉरिस चांग के साथ बातचीत की. चांग को द्वीप के चिप उद्योग का जनक माना जाता है. सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करने वाले डेमोक्रेट खन्ना ने कहा कि वह सेमीकंडक्टर उद्योग में द्वीप की भूमिका के बारे में जानने के लिए ताइवान में हैं. खन्ना और ऑचिनक्लोस दोनों चीन के साथ प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित सदन की नई प्रवर समिति के सदस्य हैं।

चीन करता है अपना दावा

उन्होंने उनकी यात्रा के निहित खतरे का भी उल्लेख किया क्योंकि ताइवान और अन्य देशों की सरकारों के बीच किसी भी प्रकार के आदान-प्रदान का चीन विरोध करता है. चीन इस द्वीप पर अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दावा करता है और यदि आवश्यक हो तो बल प्रयोग द्वारा उसे देश में शामिल करने की बात करता है. इस उद्देश्य से उसने ताइवान का सैन्य और राजनयिक उत्पीड़न बढ़ा दिया है।

खन्ना ने कहा, यहां आने के हमारे प्रयास किसी भी तरह से चीन को उकसाने के लिए नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रपति की विदेश नीति के अनुरूप हैं, जो ताइवान के संबंधों के महत्व को पहचानती हैं व अंतत: क्षेत्र में शांति चाहती है. ताइवान की संसद युआन के प्रमुख यो सी-कुन ने अपने संबोधन का इस्तेमाल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे वरिष्ठ विदेश नीति के अधिकारी वांग यी पर पलटवार करने के लिये किया. यी ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में सप्ताहांत में कहा था कि ताइवान कभी भी एक देश नहीं रहा है और यह भविष्य में भी एक देश नहीं होगा।

चीन का ताइवान पर संप्रभुता का दावा

यो ने कहा, चीन ऐतिहासिक तथ्य की अनदेखी करता है और ताइवान पर संप्रभुता का दावा करता है. ताइवान पहले से ही एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र बन गया है… ताइवान पर कभी एक दिन के लिए भी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का शासन नहीं रहा है. प्रतिनिधिमंडल की यात्रा शुक्रवार को पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की गई एक संवेदनशील यात्रा के बाद हुई, जिसकी रिपोर्ट फाइनेंशियल टाइम्स ने दी थी।

पेंटागन के एक प्रवक्ता ने चीन मामलों के लिए उप सहायक रक्षा मंत्री माइकल चेस की यात्रा पर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने दोहराया कि ताइवान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है और ताइवान जलडमरूमध्य और क्षेत्र के भीतर शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान देता है. ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसके पास ऐसे किसी दौरे की कोई जानकारी नहीं है।

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