ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक शख्स को दस साल के लिए जेल भेज दिया है. दस साल पहले खाना बनाने से इनकार करने पर संबंधित शख्स ने अपनी पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. अदालत ने उसे दोषी पाया और उसे 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुना दी.सत्र न्यायाधीश डॉ रचना आर तेहरा ने मंगलवार को अपने आदेश में 39 वर्षीय व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी ठहराया और उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी वान्या जगन कोर्डे और उसकी पत्नी लक्ष्मीबाई में अक्सर झगड़ा होता था क्योंकि वह बेरोजगार था।22 सितंबर 2013 को दोनों में झगड़ा हो गया और महिला ने उसके लिए खाना बनाने से मना कर दिया.अदालत को बताया गया कि गुस्से में आकर, कोर्डे ने डंडा उठाया और लक्ष्मीबाई पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।
अदालत ने आरोपी को किया दोषी करार, राहत की अपील ठुकराई
अदालत ने अपराधी परिवीक्षा अधिनियम के तहत राहत के लिए कोर्डे के अनुरोध को यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया कि संबंधित कानून भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामलों पर लागू नहीं होता है.अपराधी परिवीक्षा अधिनियम अपराधियों को परिवीक्षा पर या उचित चेतावनी के बाद और उससे जुड़े मामलों के लिए राहत प्रदान करता है.अतिरिक्त लोक अभियोजक ईडी धामल ने कहा कि मुकदमे के दौरान, अदालत ने एक डॉक्टर और महिला के भाई सहित अभियोजन पक्ष के आठ गवाहों से पूछताछ की. इस तरह गवाहों और बयानों को सुनने के बाद माननीय अदालत ने दोषी जगन कोर्डे को दस साल की कैद की सजा सुना दी।
क्या हुआ, कब हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ?
दस साल पहले 22 सितंबर 2013 को हमेशा की तरह वान्या जगन कोर्डे का उसकी पत्नी लक्ष्मीबाई से झगड़ा हो गया. गुस्से में. बेरोजगार होने की वजह से पत्नी उससे झगड़ती थी. झगड़ा बढ़ा तो जगन कोर्डे ने अपनी पत्नी की जम कर पिटाई कर दी. इस पिटाई की वजह से पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई. यह मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंचा. केस दर्ज हुआ. दस साल बाद इस केस का फैसला हुआ और ठाणे जिले की अदालत ने जगन कोर्डे को दोषी करार देते हुए 10 साल की कैद की सजा सुना दी।