भारतीय क्रिकेट टीम नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच खेल रही है. इस मैच में भारत ने दो खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका दिया है. जो दो खिलाड़ी भारत के लिए टेस्ट डेब्यू कर रहे हैं उनमें से एक हैं विकेटकीपर-बल्लेबाज केएस भरत.ऋषभ पंत चोटिल हैं. उनका पिछले दिसंबर में कार एक्सीडेंट हो गया था और वह लंबे समय तक क्रिकेट से बाहर हो गए हैं. उनका स्थान लेने के लिए इशान किशन का नाम चल रहा था लेकिन राहुल द्रविड़ ने अपने पुराने शार्गिद को मौका दिया. हालांकि एक समय था जब भरत को अपने भारतीय टीम के लिए खेलने का यकीन नहीं था लेकिन उनके कोच को उन पर भरोसा था।
भरत को यहां तक लाने और आत्मविश्वास देने में उनके दो कोचों का अहम रोल रहा है जिन्होंने द्रोणाचार्य की तरह भरत के लिए टीम इंडिया का रास्ता तैयार किया और उन्हें इस पर आगे ले गए. ये द्रविड़ ही थे जिन्होंने भरत के अंदर ये भरोसा जगया था कि वह बड़े मंच पर खेलने के काबिल हैं. ये द्रविड़ ही थे जिन्होंने भरत के अंदर जान फूंकी थी और फिर इस खिलाड़ी ने ऐसी बल्लेबाजी की थी जिससे उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर पहुंच गया था.द्रविड़ के अलावा भरत के एक और कोच थे जिन्होंने काफी पहले ये कह दिया था कि भरत टीम इंडिया के लिए खेल सकते हैं. भरत ने खुद ये कहानी बताई है।
भरत घेरलू क्रिकेट में लगातार नाम कमा रहे थे. भरत ने 2015 में फर्स्ट क्लास में तिहरा शतक तक जमाया है और वह ऐसा करने वाले भारत के पहले विकेटकीपर-बल्लेबाज थे. घरेलू क्रिकेट के दम पर ही वह इंडिया-ए तक पहुंचे थे. तब राहुल द्रविड़ इंडिया-ए को कोच हुआ करते थे. तब एक मैच ऐसा था जब टीम संकट में थी और द्रविड़ ने भरत को मैदान पर भेजा लेकिन इससे पहले उन्होंने भरत के अंदर अपने शब्दों से आत्मविश्वास भर दिया था।
भरत ने बीसीसीआई. टीवी को दिए इंटरव्यू में बताया, “हम अपनी पहली इंडिया-ए सीरीज खेल रहे थे इंग्लैंड में. जब द्रविड़ सर कोच थे. तब उनसे मेरी बात हुई.उन्होंने मुझे कभी बदलने की कोशिश नहीं की और यही कहा कि जो तुम हो वही बने रहो. तुम अच्छा कर रहे हैं. एक मैच ऐसा था जब उन्होंने मुझसे कहा कि ये मौका जहां तुम बता सकते हो कि तुम कहां हो और यहां से कहां जा सकता है. ये किसी को साबित करने की बात नहीं है. बल्कि ये मौका है जब आप अपने आप को चुनौती दे सकते हो, तुम अगले स्तर पर खेल खेल सकते हो या नहीं. उस मैच में हम श्रीलंका के खिलाफ अपने तीन-चार विकेट खो चुके थे वो भी 40 रनों पर. वहां से हमने उस मैच में 250 से ज्यादा रन बनाए जिसमें से 120 रन मेरे थे. तब मुझे पता चला कि अगर आपका माइंडसेट अच्छा है,आपकी सोच अच्छी है तो आपको फायदा होगा. इन सभी बातों से मुझे फायदा हुआ।
इन लोगों का कहा शुक्रिया
भरत ने इस वीडियो में उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया है जिन्होंने उनकी यहां तक पहुंचने में मदद की. उन्होंने कहा, “ये सिर्फ मेरा ही सपना नहीं था कि मैं भारत के लिए खेलूं. इसके पीछे काफी लोगों की मेहनत है जिन्होंने कई सालों तक मेरा साथ दिया है. इनमें मेरी टीम के साथी, मेरी पत्नी, मेरे दोस्त, कोचेस, माता-पिता. इन लोगों के बिना ये सफर संभव नहीं हो पाता।
कोच ने कर दी थी भविष्यवाणी
भरत ने कहा कि उनको टीम इंडिया के लिए खेलने का यकीन नहीं था. लेकिन उनके कोच ने उनसे कहा था कि वह भारतीय टीम में खेलने के काबिल हैं. उन्होंने कहा, “मैं ईमानदारी से कहूं तो मैंने इस दिन के बारे में कभी नहीं सोचा था. लेकिन मेरे कोच जयकृष्णा राव को तब मुझ पर यकीन था जब मुझे अपने आप पर नहीं था. उन्होंने अंडर-19 के समय ही मुझसे कहा दिया था कि तुममें भारत के लिए विकेटकीपिंग करने की प्रतिभा है. मैंने सोचा कि ठीक है, ये काफी लंबा सफर है अभी कल के बारे में ही नहीं पता।