हिमाचल प्रदेश में तबलीग़ी जमात के लोगों के राज्यों में कोरोना वायरस के सुपर-कैरियर होने की ख़बरें आ रही हैं.
इस बीच ऊना ज़िले के गांव बनगढ़ में रविवार को शॉक और अविश्वास का माहौल पसर गया है.
37 साल के मुहम्मद दिलशाद ने अपने घर में आत्महत्या कर ली. गुजरे कुछ दिनों से वह गांववालों के तानों और सामाजिक भेदभाव का शिकार हो रहे थे.
हिमाचल प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (डीजीपी) एस आर मरड़ी ने इस बात की पुष्टि की कि दिलशाद कोरोना टेस्ट में निगेटिव थे, लेकिन उन्हें गांव में कोरोना के डर के चलते सामाजिक भेदभाव का शिकार होना पड़ा था.
दिलशाद के भाई गुलशन मुहम्मद ने कहा, “दिलशाद पूरी तरह से बेकसूर थे. वह गांववालों के तानों से काफ़ी व्यथित थे. गांववाले उन पर कोरोना वायरस का कैरियर होने का शक जता रहे थे. दिलशाद की ग़लती महज इतनी थी कि वह एक ऐसे शख़्स के संपर्क में आए थे जो कि तबलीग़ी जमात से लौटा था और गांव की मस्जिद में ठहरा था.”