यूपी की 18 जेलों में खौफ या कोई और कारण क्यों नहीं जाना चाहते हैं अधीक्षक

यूपी की 18 जेलों में खौफ या कोई और कारण क्यों नहीं जाना चाहते हैं अधीक्षक

प्रदेश की अति संवेदनशील बांदा, मिर्जापुर और सोनभद्र कारागार में कई माह से अधीक्षक नहीं हैं जबकि यहां कई बड़े व नामी अपराधी बन्द हैं। इनके ख़ौफ़ से कोई भी अधीक्षक इन जेलों में जाना को तैयार नहीं। शासन द्वारा यहां जिन्हें भेजा भी गया कुछ बीमार होकर घर बैठ गए और कुछ ने अपना नाम ही हटवा लिया। जबकि हॉल ही में चार फरवरी को अलीगढ़ जेल अधीक्षक विपिन मिश्र के निलंबन से खाली हुई जेल के लिए यही अधीक्षक तैनाती के जुगाड़ में लग गए हैं। करीब दर्जन भर जेल अधीक्षक अलीगढ़ में तैनाती के लिए जेल मुख्यालय से लेकर शासन में बैठे उच्च अधिकारियों से सिफारिश में लगे हैं। अलीगढ़ मंडल कारागार में करीब 41 कैदी बन्द हैं। यहां अलीगढ़ के साथ हाथरस जिले के कैदी बन्द हैं। हाथरस में कोई जेल नहीं है।  आलमबाग स्थित जेल मुख्यालय और संपूर्णानंद कारागर में तैनात अधीक्षक अलीगढ़ जाने के लिए सबसे ज्यादा जोर आजमाइश लगा हुए हैं। इनमें निलंबित वाले ज्यादा उतावले हैं। कई अधीक्षक जेलों में तैनात होते हुए भी अलीगढ़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाल में जेलर से पदोन्नति पाने वाले  अधीक्षक भी दावेदारी में लगव हैं। हालांकि शासन ने पदोन्नति पाए अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किये हैं।

सूबे के गाजियाबाद, नोयडा, अलीगढ़, मेरठ और मुरादाबाद समेत पश्चिम की जेलों में अधीक्षक से लेकर, जेलर, डिप्टी जेलर व जेलजर्मी हर कोई जाना चाहता है। जेल के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की मानें तो तैनाती के आवेदन मांगे जाने पर हर कोई की पहली पसंद होती हैं यह जेलें। यह जेलें सबसे ज्यादा आमदनी वाली हैं। जबकि गोरखपुर, आजमगढ़, देवी पाटन, वाराणसी, प्रयागराज, बांदा, झांसी मंडल की जेलों में कोई नहीं जाना चाहता है। करीब 20 फीसदी अधिकारियों ने पूरी नौकरी पश्चिम की जेलों में काट दी। अलीगढ़, बांदा, मिर्जापुर, सोनभद्र, ललितपुर भदोही, प्रतापगढ़, महराजगंज, हरदोई, उन्नाव,देवरिया, कासगंज, बिजनौर,गोंडा, बहराइच, संतकबीरनगर, आदर्श कारागार, नारी बन्दी निकेतन, इटावा जिला जेल में अधीक्षक नहीं हैं। यहां बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में बन्द पूर्व विधायक विजय सिंह समेत दर्जन भर शातिर अपराधी बन्द हैं। यहां नोएडा का कुख्यात सुंदर भाटी सहित करीब 15 शातिर अपराधी बन्द हैं। यहां नक्सली बन्द हैं। करीब 15 बड़े अपराधी प्रशासनिक आधार पर विभिन्न जिलों से स्थानांतरित होकर यहां आए हैं। यहां शातिर अपराधी त्रिभुवन सिंह बन्द है। जो वाराणसी सेंट्रल जेल में बन्द बृजेश सिंह का सहअभियुक्त जे जे हॉस्पिटल कांड मुम्बई का आरोपी है। इसके अलावा जमशेद प्रधान,  बागपत जेल से लाया गया राजीव राठी जो कि मुन्ना बजरंगी का हत्यारोपित सुनील राठी का साथी और चचेरा भाई समेत 17 अपराधी बन्द हैं।

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