एक सीट पर सेंधमारी करती दिख रही सपा, रामनगरी में BJP को लगेगा झटका
श्रीराम नगरी अयोध्या में 5 में से 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी आगे चल रही है जबकि एक सीट पर समाजवादी पार्टी बढ़त बनाए हुए है। अयोध्या की प्रतिष्ठा परक अयोध्या सीट पर भाजपा के वेद प्रकाश गुप्त बढ़त बनाए हुए हैं। उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी के तेज नारायण पांडे पवन पीछे चल रहे हैं। गोसाईगंज विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अभय सिंह भाजपा की आरती तिवारी से
आगे चल रहे हैं। बीकापुर सीट पर भाजपा के अमित सिंह आगे हैं। मिल्कीपुर सीट पर भाजपा के गोरखनाथ बाबा बढ़त बनाए हुए हैं। उधर, रुदौली सीट पर भाजपा के रामचंद्र यादव अभी तक आगे चल रहे हैं। श्रीराम की जन्म भूमि आयोध्या नगरी भाजपा का गढ़ कहा जाता है। 2017 में पांचों सीटों कब्जा करने वाली बीजेपी इस बार में एक पीछे चल रही है। सपा शुरुआती रूझान में सपा के प्रत्याशी अजय बढ़त बनाए हुए हैं। ऐसे में सपा एक सीट पर सेंध लगा रही है। 2017 में अयोध्या में कुल
49.20 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से वेद प्रकाश गुप्ता ने समाजवादी पार्टी के तेज नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे को 50440 वोटों के अंतर से हराया था। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,79,633 है। इसमें से करीब 50 हजार ब्राह्मण, 22 हजार वैश्य, 22 हजार कायस्थ, 22 हजार निषाद वोटर हैं, जबकि यादवों की संख्या 40 हजार और 18 हजार कुर्मी, 27 हजार मुस्लिमों की संख्या है। मौर्य ने कहा: यूपी में भाजपा की ऐतिहासिक जीत होगी, जीत का कारण बूथ तक भाजपा मजबूत संगठन होना,
डबल इंजन सरकार ने गरीबों के लिए जीवन स्तर में सुधार, निःशुल्क राशन वितरण के साथ अति पिछड़े अति दलित वोटरों का मोदी जी योगी जी के प्रति भरोसे के साथ सुशासन, विकास, सुरक्षा आदि मुद्दों पर कमल को मिला वोट।’उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर सात चरणों में हुए चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है। नतीजों से पहले सभी पार्टियां अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही हैं। हालांकि दोपहर 2 बजे तक स्पष्ट तस्वीर सामने आ जाएगी। वहीं नतीजों से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि राज्य में बीजेपी ऐतिहासिक
जीत दर्ज करेगी। उन्होंने वो तमाम योजनाएं गिनाईं हैं जिनकी वजह से पार्टी को दोबारा सत्ता मिल रही है। एग्जिट पोल के अनुमानों को देखें तो पता चलता है की सत्तारूढ़ दल यानि भाजपा पुन: बागडोर थामने वाली है। यदि ऐसा होता है तो 1980 व 1985 के विधान सभा चुनाव का इतिहास दोहराया जाएगा। कांग्रेस को इन दोनों चुनावों में प्रचंड जीत मिली थी 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने 425 उम्मीदवार खड़े किए थे, जिसमे से उसके 309 उम्मीदवार जीते थे और 10 उमीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। तब प्रदेश में हुए मतदान का 37.76
प्रतिशत मत कांग्रेस ने प्राप्त किया था। ठीक इसके बाद 1985 के चुनाव में भी कांग्रेस ने 425 उमीदवार खड़े किए जिसमें से उसके 269 प्रत्याशी विजयी हुए थे और 05 की जमानत जब्त हो गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश में हुए कुल मतदान का 39.25 प्रतिशत मत प्राप्त किया था। जाहिर है तब लगातार दो चुनावों में विजय प्राप्त कर कांग्रेस ने इतिहास रचा था। हालांकि इसके बाद के चुनावों में सपा और बसपा ने भी क्रमश: 2007 और 2012 में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।