LDA ने तैयार किया प्लान, लखनऊवासियों को जाम से मिलेगी मुक्ति
लखनऊ शहर के लोगों को आने वाले दिनों में चौराहों पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। इसके लिए LDA ने चौराहों के सुधार की बड़ी योजना तैयार की है। शासन के निर्देश पर तैयार हुई इस योजना पर अमल के बाद राजधानी के सभी प्रमुख चौराहे लगभग जाम से मुक्त हो जाएंगे। कुछ ही पलों में लोग चौराहे पार कर लेंगे। एलडीए ने मंगलवार को इसका प्रजेन्टेशन भी किया। राजधानी के चौराहों पर सबसे ज्यादा जाम लगता है। दुर्घटनाएं भी चौराहों पर हो रही है। ट्रैफिक लाइट के बावजूद राजधानी के प्रमुख चौराहों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। इसी को देखते हुए मुख्य सचिव ने शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्त कराने के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया था। प्राधिकरण ने इसकी योजना तैयार की है।
मंगलवार को इसका प्रजेंटेशन भी हुआ। LDA ने पहले चरण में सबसे ज्यादा जाम वाले सात प्रमुख चौराहों व तिराहों को इसमें शामिल किया है। इनके लिए कार्ययोजना तैयार की है। शासन से बजट मिलने के बाद इन चौराहों को जाम से मुक्त कराने का काम शुरू किया जाएगा। LDA की योजना के मुताबिक सभी चौराहों पर पैदल व साइकिल से चलने वालों के लिए इंतजाम होगा। योजना में इसकी विशेष प्रावधान किया गया है। चौराहों के पास एक्सक्लेटर व लिफ्ट वाले फुटओवर ब्रिज बनाने का भी प्रस्ताव है। जबकि पदयात्रियों के लिए भी विशेष
इंतजाम होगा। साइकिल व पदयात्री सबसे ज्यादा दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इनके लिए भी लेन होगी। बाराबिरवा अवध चौराहा पर अण्डर पास का प्रस्ताव
बाराबिरवा अवैध चौराहे पर पूरे दिन जाम लगता है। एलडीए ने इस चौराहे को भी अपनी योजना में शामिल किया है। इस चौराहे पर बाए जाने वालों के लिए अलग लेन बनायी जाएगी। यहां अण्डपास बनाने का भी प्रस्ताव है। इससे इस चौराहे पर जाम नहीं लगेगा। सीतापुर बाईपास कानपुर बाईपास चौराहा हरदोई रोड दुबग्गा
इस चौराहे भी भीषण जाम लगता है। यहां प्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव बनाया
गया है। इसे कानपुर रोड बाईपास व (I I M) रोड को जोड़ने वाले दुबग्गा चौराहे पर बनाने का प्रस्ताव है। शहीद पथ से अवध चौराहे जाने वालों के लिए सीधे मिलेगा रास्ता कानपुर रोड पर शहीद पथ तिराहे पर भी भीषण जाम लगता है। इसका विस्तृत सर्वे अभी चल रहा है। फिलहाल प्रस्ताव के मुताबिक कानपुर की तरफ से आने वालों के लिए अलग लेन बनाने का प्रस्ताव है। जिससे कानपुर से आने वाले लोग बिना जाम में फंसे अवध चौराहे की तरफ सीधे जा सकेंगे समतामूलक चौक पर एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव समतामूलक चौक पर एलिवेटेड
रोड का प्रस्ताव बनाया गया है। यहां दुर्घटनाएं काफी ज्यादा होती हैं। कई तरफ से ट्रैफिक की वजह से यहां हमेशा दुर्घटना की आशंका रहती है। एलीवेटेड रोड से यहां जाम भी नहीं लगेगा और लोग दुर्घटना से बच भी सकेंगे। पालिटेक्निक चौराहे पर अण्डर पास बनान का प्रस्ताव पालिटेक्निक चौराहे को भी जाम से मुक्त कराने के लिए अण्डर पास बनाने की योजना है। इस चौराहे को रि-डिजाइन किया जाएगा। अण्डर पास फैजाबाद रोड से इन्दिरानगर शिवाज मार्केट तक बनाने का प्रस्ताव है। हजरतगंज अटल चौक भी रि-डिजाइन होगा हजरतगंज अटल चौक को रि-
डिजाइन किया जाएगा। इस चौराहे को पूरी तरह से जाम मुक्त करने के लिए रोटरी व ट्रैफिट लाइटों को हटाकर नए सिरे से व्यवस्थित किया जाएगा। यहां रोटरी व हाईमास्ट को भी हटाया जाएगा। आलमबाग तिराहे का सुदृढीकरण होगा आलमबाग तिराहे पर भी जाम लगता है। इसे भी नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा। सर्वे में यह चौराहा सबसे ज्यादा खराब मिला है। यहां पैदल सड़क पार करना मुश्किल होता है। इस चौराहे को जाम से मुक्त कराने के साथ पैदल चलने वालों के लिए भी सुरक्षित किया जाएगा। शहर में सबसे अधिक 25 प्रतिशत प्रदूषण
ट्रैफिक जाम की वजह से होता है चौराहों पर जाम से निकलने में 10 से 15 मिनट समय लगता है। सबसे ज्यादा जाम सुबह साढ़े नौ बजे से 11 बजे के बीच तथा शाम को चार से सात बजे तक लगता है। सबसे अधिक 50 प्रतिशत दुर्घटनाओं का शिकार पैदल, साइकिल व दोपहिया वाहन चालक होते हैं। LDA आर्किटेक्ट अनुपम मित्तल ने बताया कि शहर को जाम से बचाने के लिए इनके सुधार की योजना तैयार की गयी है। एलडीए के निर्देश पर चौराहों का प्लान तैयार किया गया है। चौराहों को रि-डिजाइन किया जाएगा। कहीं अण्डर पास तो कहीं एलिवेटेड रोड
बनाए जाएंगे। लगभग 10 मिनट जाम में फंसने पर एक दोपहिया चालक के पेट्रोल पर खर्च 15 रुपए अतिरिक्त लगता है। यहां भी लगता है जाम मड़ियाव, कमता चौराहा, कैसरबाग चौराहा, अमीनाबाद चौराहा, खुर्रमनगर चौराहा, चारबाग, हुसैनगंज, तेलीबाग, बर्लिग्टन चौराह, चौक, ठाकुरगंज इन 10 चौरहों की जाम बर्दास्त करने की क्षमता 60 प्रतिशत है। लेकिन यहां 121 प्रतिशत तक लग रहा जाम( इंटीग्रेटेड टैफिक मैनजेमेंट सिस्टम स्मार्ट सिटी के आंकड़े के मुताबिक) जाम की वजह से यह चौराहे कराह रहे हैं।