क्या आज बुक कराने से होगा फायदा, LPG सिलेंडर के कल से बढ़ सकते हैं दाम
रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध का असर अब सड़क से किचन तक नजर आने वाला है। अभी तक उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत 5 राज्यों में हो रहे चुनाव के चलते एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पिछले कई महीनों से राहत मिल रही थी। आज चुनाव का आखिरी चरण समाप्त हो जाएगा और शाम को एग्जिट पोल भी आने शुरू हो जाएंगे। पांचों राज्यों किसकी सरकार बनेगी, इसके बारे में अभी केवल मोटा-मोटा अनुमान ही लग पाएगा, लेकिन पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ने तय हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर नॉन-सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में कई महीने से राहत है। कच्चे तेल के दाम 138 डॉलर प्रति बैरल पार होने के बावजूद छह
अक्टूर 2021 से घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चुनाव बाद यानी 7 मार्च के बाद कभी भी गैस के दाम 100 से 200 रुपये प्रति सिलेंडर से अधिक बढ़ सकते हैं। बता दें एक मार्च को सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की है। कामर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 105 रुपये का इजाफा हुआ। वहीं, पांच किलो के रसोई गैस सिलेंडर छोटू के दाम भी 27 रुपये बढ़ गए। इस बीच 2008 के बाद पहली बार गैस प्रति गैलन औसततन 4 अमरीकी डॉलर ऊपर है। जबकि, कच्चा तेल रविवार को व्यापार के पहले कुछ मिनटों में जुलाई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए, जिसमें ब्रेंट 139.13 डॉलर प्रति बैरल और WTI 130.50 डॉलर पर था। ऐसे में माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा
चुनाव के बाद घरेलू गैस सिलेंडर के साथ पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं। बता दें आज बुक कराने पर भी जब आएगा तो बढ़ा हुआ दाम ही देना होगा। यहां तक कि अगर आपने ऑनलाइन पेमेंट भी कर दिया है तो डिफरेंस देना पड़ेगा। 6 अक्टूबर 2021 के बाद से घरेलू एलपीजी सिलेंडर न तो सस्ता हुआ है और न ही महंगा। अलबत्ता इस दौरान कच्चे तेल की कीमतें 102 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई हैं। हालांकि इस दौरान कामर्शियल सिलेंडर की कीमतों में अच्छा-खासा बदलाव देखने को मिला। बता दें अक्टूबर 2021 से एक फरवरी 2022 के बीच कामर्शियल सिलेंडर के दाम 170 रुपये बढ़े हैं। दिल्ली में 1 अक्टूबर को कामर्शिय सिलेंडर का दाम 1736 रुपये था। नवंबर में यह 2000 का हुआ और दिसंबर में 2101 रुपये का हो गया। इसके बाद जनवरी में यह फिर सस्ता हुआ और फरवरी 2022 को और सस्ता होकर 1907 रुपये
पर आ गया। पेट्रोल और डीजल की कीमत भी पिछले कई माह से स्थिर हैं। केंद्र सरकार ने तीन नवंबर 2021 को उत्पाद शुल्क में पेट्रोल पर पांच और डीजल पर दस रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपना टैक्स कम किया था। उस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम औसतन 82 डॉलर प्रति बैरल थे। रूस और यूक्रेन की लड़ाई में कच्चे तेल 128 डॉलर के पार पहुंच गया है। कच्चे तेल की कीमतों में जल्द कमी के आसार नहीं है। इसका कारण यह है कि अमेरिका के आग्रह के बावजूद सबसे बड़े उत्पादक सऊदी अरब ने अपना उत्पादन नहीं बढ़ाया है। ऐसे में जल्द पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। ऐसे में कच्चे तेल के दाम में फिल्हाल कमी की संभावना कम है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से कंपनियां दबाव में हैं।